बीजेपी में किरण बेदी के शामिल हुए कुछ ही घंटे बीते होंगे कि पार्टी में विरोध के स्वर तेज़ होने लगे हैं। जिसकी शुरुआत उत्तरपूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी से हुई है।
किरण बेदी ने दिल्ली के सभी सातों सांसदों को उनके घर आकर मिलने के लिए बुलाया था, जिससे पार्टी के कुछ सांसद नाराज़ हो गए।
बेदी के बुलावे पर पाँच सांसद उनके घर उनसे मिलने गए भी थे, लेकिन किन्हीं कारणों से मनोज तिवारी और उदित राज नहीँ पहुंच पाए थे। पूर्व स्वास्थ्य़मंत्री हर्षवर्धन भी थोड़ी देर से पहुंचे थे।
लेकिन इसके बाद सोमवार को मनोज तिवारी ने सार्वजनिक तौर पर बेदी के व्यवहार पर आपत्ति जतायी और कहा, ''किरण बेदी सिर्फ एक पार्टी कार्यकर्ता हैं और उनको उसी के अनुसार व्यवहार करना चाहिए, वे फिलहाल पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार भी नहीं है। वे एक आम कार्यकर्ता हैं और हम सांसद ऐसे में उन्हें हमसे आकर मिलना चाहिए।''
मनोज ने ये भी कहा कि, ''हमें एक थानेदार की ज़रुरत नहीं है, बल्कि एक विनम्र नेता की ज़रुरत है जो सबको साथ लेकर चल सके।'' उन्होंने आगे कहा, ''जिस तरह से उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कुछ दिन पहले बात की वो मुझे पसंद नहीं आया, मैं वहाँ मौजूद नहीं था लेकिन मुझे कार्यकर्ताओं से यही प्रतिक्रिया मिली है।''
मनोज तिवारी की इस प्रतिक्रिया के बाद, नाराज़ किरण बेदी ने पार्टी नेतृत्व से बात की, जिसके बाद मनोज तिवारी से जवाब-तलब किया गया। उनसे रविवार को बेदी की चाय-पार्टी में नहीं पहुंचने के भी कारण पूछे गए।
तिवारी को चेतावनी देकर पार्टी ने एक तरह से उन सभी लोगों को संदेश देने की कोशिश की है, जो बेदी के पार्टी में आने के बाद से अंदर ही अंदर नाराज़ चल रहे हैं।
पार्टी की केंद्रीय समिति सोमवार शाम मिलने वाली है जिसमें दिल्ली चुनाव के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होनी है। केंद्रीय समिति की अगुवाई बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह करेंगे और इसके 12 सदस्यों में से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं।
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