अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram temple) के प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Ram Mandir consecration) में शामिल होने से कांग्रेस के इनकार करने के बाद बीजेपी ने निशाना साधा है. बीजेपी ने निशाना साधते हुए ना केवल कांग्रेस (Congress) नेताओं बल्कि ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और सीताराम येचुरी को भी "सनातन विरोधी" बताया है. बीजेपी ने अपने X हैंडल पर एक पोस्टर शेयर करते हुए लिखा है, "पहचानिए, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के न्योते को ठुकराने वाले सनातन विरोधियों के चेहरे...".
बीजेपी के इस पोस्टर में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, अधीर रंजन चौधरी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सीपीआईएम के सीताराम येचुरी की तस्वीरें हैं.
पहचानिए, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के न्योते को ठुकराने वाले सनातन विरोधियों के चेहरे... pic.twitter.com/0ESH0eYUt1
— BJP (@BJP4India) January 11, 2024
कांग्रेस नेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने से किया इनकार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता मिला था, लेकिन उन्होंने बुधवार को जाने से इनकार कर दिया. कांग्रेस ने बुधवार को कहा था कि "धर्म व्यक्तिगत है... यह समारोह भाजपा और आरएसएस का पॉलिटिकल प्रोजेक्ट" है.
वाम दलों के नेताओं ने भी कार्यक्रम में जाने से किया था मना
वाम दलों के नेताओं ने पहले ही मना कर दिया था, वहीं टीएमसी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.
बीजेपी साध रही निशाना
बुधवार को कांग्रेस के समारोह में शामिल होने से इनकार करने के बाद से बीजेपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है. बुधवार को बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि विपक्षी दल का दिमाग ठीक उसी तरह खराब हो गया है जैसा कि त्रेता युग में रावण का हो गया था. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार करने वालों का जनता चुनाव में बहिष्कार करेगी.
जनता ऐसे लोगों का चुनाव में करेगी बहिष्कार- अनुराग ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार करने वालों का जनता चुनाव में बहिष्कार करेगी. उन्होंने कहा, "उनके (कांग्रेस के) रुख में कुछ भी नया नहीं है, उन्होंने हमेशा भगवान राम का विरोध किया है और सनातन (धर्म) को बदनाम करने की कोशिश की है। उन्होंने कई मौकों पर भगवान राम के अस्तित्व को भी नकार दिया है. यदि उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है, तो भारत के लोग भी आगामी (लोकसभा) चुनावों में उनका बहिष्कार करेंग."
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था, "हम उनसे इससे कुछ अलग की क्या उम्मीद कर सकते हैं। उनकी राम में आस्था नहीं है ये उन्होंने प्रमाणित किया."
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस ने बुधवार को बयान जारी कर कहा था, "पिछले महीने, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला. भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं. धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है."
कांग्रेस ने बयान में आगे कहा, "एक ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर' का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है. 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हुए और लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी एवं अधीर रंजन चौधरी बीजेपी-आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं."
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