चक्रवात ‘बिपरजॉय' के गुजरात के तटीय क्षेत्र के पास कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगार के निकट पहुंचने की संभावना के मद्देनजर मंगलवार को बचाव अभियान को और तेज किया जाएगा और सरकार तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएगी. कच्छ, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी तटीय जिलों के प्राधिकारियों ने तटरेखा के निकट रह रहे लोगों को किसी सुरक्षित जगह ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे हजारों लोगों को मंगलवार से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोशल मीडिया पर कहा, "वीएससीएस (बहुत प्रचंड चक्रवाती तूफान) बिपरजॉय 13 जून, 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात ढाई बजे (सोमवार को आधी रात के बाद) पूर्वोत्तर और आस-पास के पूर्वी मध्य अरब सागर में पोरबंदर से लगभग 290 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम और जखाऊ बंदरगाह से 360 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था. यह 15 जून की शाम तक वीएससीएस के रूप में जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र और कच्छ से गुजरेगा."
गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने अहमदाबाद में संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि इस चक्रवात से कोई जनहानि न हो. पांडे ने बताया कि बचाव अभियान मंगलवार से दो चरणों में शुरू किया जाएगा और सबसे पहले समुद्र तट से पांच किलोमीटर तक की दूरी पर रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके बाद तट से पांच से 10 किलोमीटर की दूरी पर रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा और इस दौरान बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी.
पांडे ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12-12 दलों को चक्रवात से प्रभावित हो सकने वाले जिलों में तैनात किया गया है और लोगों के आवास, भोजन और दवाओं की व्यवस्था की गई है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नयी दिल्ली में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया कि राज्य सरकार संवेदनशील स्थानों में रह रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाले.
अधिकारियों ने बताया कि जखाऊ में बचाव अभियान सोमवार को ही आरंभ हो गया था. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात की चेतावनी के बाद से कांडला में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बंदरगाह पर नौवहन गतिविधियां बंद कर दी गई हैं और श्रमिकों सहित लगभग 3,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से निलंबित कर दिया गया है.
मौसम विज्ञान विभाग ने 15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई है. उसने बताया कि 12 जून से 16 जून तक चक्रवात के प्रभाव के कारण तेज सतही हवाएं चलने की संभावना है. विभाग ने सतर्क किया कि 15 जून की सुबह से 120 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है. एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि चक्रवात के मद्देनजर, एनडीआरएफ ने मुंबई में एहतियातन दो अतिरिक्त दलों को तैनात किया है.
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