कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी को अवमानना के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद देश भर में पार्टी के नेता अपना विरोध जता रहे हैं. बिहार विधानसभा के परिसर में भी सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने शुक्रवार को राहुल गांधी के समर्थन में एक मार्च निकाला. उन्होंने 'मोदी हटाओ, देश बचाओ', 'फासीवाद हो बर्बाद' और 'राहुल गांधी डरो मत' के पोस्टर के साथ केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाए.
कांग्रेस विधायक शकील अहमद ख़ान ने कहा कि लोकतंत्र पर हमला सबके लिए खतरनाक है और केंद्र सरकार लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है. साथ ही उन्होंने प्रदर्शन में महागठबंधन के अन्य दलों के शामिल होने को लेकर कहा कि जेडीयू का भी इसमें समर्थन है और सभी सातों दलों के बीच चट्टानी एकता है.
गौरतलब है कि गुरुवार को सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2019 में उनके 'मोदी उपनाम' को लेकर दिए गए टिप्पणी पर, उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई है.
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया, हालांकि उन्हें जमानत भी दे दी गई और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया, ताकि उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति मिल सके. फैसला सुनाए जाने के समय राहुल गांधी अदालत में मौजूद थे.
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