जेडीयू में उथल-पुथल का दौर जारी है. 29 दिसंबर को जेडीयू (JDU) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है. माना जा रहा है जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) इस्तीफा दे सकते हैं. जेडीयू की कमान एक बार फिर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) खुद संभाल सकते हैं. लेकिन अभी औपचारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता. इस पूरे मामले को लेकर जदयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि लंबे अंतराल के बाद ये बैठक हो रही है. मैं ये बात सिरे से खारिज करता हूं . ये अफवाहें फैलाई जा रही हैं. जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिन की बैठक होने जा रही है. इसमें इंडिया गठबंधन, जदयू को कैसे मजबूत किया जाए और जातिगत गणना पर चर्चा होगी.
ललन सिंह को पद से हटाने की बात की सिरे से खारिज
केसी त्यागी ने आगे कहा कि पड़ोस से निकला धुआं दूसरे पड़ोसी के नाम लगा दिया जाता है. ललन सिंह को जेडीयू अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बात को मैं सिरे से खारिज करता हूं. साथ ही बैठक में जो फैसला लिया जाएगा उसके बारे में मीडिया को बताया जाएगा.
नीतीश कुमार को लेकर कही ये बात
केसी त्यागी ने आगे कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के नेता हैं, वे इस कोशिश में लगे रहते हैं इसे कैसे मजबूत किया जाए. मैं इस तरह की अफवाहों को कई बार खारिज कर चुका हूं. ये कोई सरकारी दफ्तर नहीं है कि अंगूठा लगाकर कागज दे दिया जाए.
जेडीयू में मचे बवाल की वजह
गौरतलब है कि जेडीयू में बवाल की खबरें इन दिनों सुर्खियों में हैं. दरअसल, इंडिया गठबंधन की दिल्ली में हुई बैठक में नीतीश कुमार को कोई अहम रोल नहीं मिला. इस बैठक से लौटने के तुरंत बाद ही नीतीश कुमार ने जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने के ऐलान करवा दिया. चर्चा है कि ललन सिंह जेडीयू अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं. खबरें ये भी हैं कि ललन सिंह को हटाकर नीतीश कुमार खुद पार्टी की कमान संभाल सकते हैं. सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार ललन सिंह के काम से संतुष्ट नहीं हैं. साथ ही ललन सिंह के आरजेडी से गहरे संबंध भी इस तल्खी की वजह बन रहे हैं. वैसे ललन सिंह गए तो कौन अध्यक्ष होगा, सबसे बड़ा सवाल यही है? खुद नीतीश या कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर या फिर विजय चौधरी. दरअसल, नीतीश कुमार लगातार अशोक चौधरी और ललन सिंह के संपर्क में हैं. क्या उपेंद्र कुशवाहा, आरसीपी सिंह की वापसी होगी? आरसीपी को हटाकर ही तो ललन सिंह जेडीयू के अध्यक्ष बने थे. वैसे नीतीश के लिए कहा जाता है कि बिहार में जेडीयू के जितने भी अध्यक्ष बने हैं, वे अंत में उनको हटा ही देते हैं. उनकी किसी से बनती नहीं है. नीतीश के लिए ये भी कहा जाता है कि वह पूर्ण रूप से किसी पर विश्वास नहीं करते.
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