बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम में बंद कर दिया है. इस बार के चुनाव में बंपर वोटिंग हुई है. आजादी के बाद सबसे ज्यादा वोटिंग इस बार बिहार में हुई है. लगभग सभी एग्जिट पोल्स में बिहार में एनडीए के सरकार का अनुमान लगाया गया है. अगर जातिगत वोटिंग शेयर की बात करें तो यहां भी एनडीए महागठबंधन से बाजी मारता दिख रहा है.
मैटराइट एग्जिट पोल के अनुसार इस बार राज्य में सामान्य वोटर से लेकर ओबीसी, एससी और मुसलमानों ने किसे वोट दिया इसके आंकड़े भी काफी चौंकाने वाले हैं. इस बार के चुनाव सभी पार्टियों ने जातीय समीकरण का ध्यान रखते हुए टिकट बांटा था.
सवर्णों ने जमकर दिया एनडीए का साथ
मैटराइज के आंकड़े के अनुसार सवर्णों ने इस बार जमकर एनडीए के लिए वोट डाला है. आंकड़े के अनुसार 69 फीसदी सवर्ण वोटर्स ने एनडीए को चुना है. वहीं, महागठबंधन को महज 15 फीसदी सवर्ण वोट जाते दिख रहे हैं. जन सुराज पार्टी को 7 प्रतिशत सवर्णों के वोट मिला है. इस एग्जिट पोल के आंकड़े के अनुसार, अन्य को 9 फीसदी सामान्य वर्ग के वोटर ने वोट दिए हैं.
ओबीसी भी एनडीए संग
मैटराइट के एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक 51 प्रतिशत ओबीसी वोटर एनडीए के साथ दिख रहे हैं. जबकि महागठबंधन के साथ 39 फीसदी ओबीसी वोटर हैं. जन सुराज पार्टी के साथ 4 प्रतिशत ओबीसी वोटर हैं जबकि अन्य को महज 6 फीसदी ओबीसी वोटर का साथ मिला है.

अनुसूचित जाति का वोट भी एनडीए के साथ
मैटराइज के एग्जिट पोल की माने तो करीब 49 फीसदी एससी वोटर ने एनडीए के पाले में वोट किया है. 38 फीसदी वोटर ने महागठबंधन को वोट दिया जबकि 5 प्रतिशत जन सुराज पार्टी के साथ गए और 8 फीसदी एससी वोटर ने अन्य को वोट दिया है.
मुसलमानों का वोट किसके साथ
मैटराइज के एग्जिट पोल के अनुसार, महागठबंधन को मुसलमानों का जमकर समर्थन मिला है. 78 प्रतिशत मुसलमानों ने महागठबंधन को वोट दिया है. वहीं, केवल दस फीसदी मुसलमानों ने एनडीए को सपोर्ट किया है. जन सुराज पार्टी को 4 प्रतिशत मुस्लिमों का साथ मिला है. अन्य को 8 प्रतिशत मुसलमानों ने वोट दिया है.
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