बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के सर्वोच्च नेता नीतीश कुमार ने कहा है कि वो अब फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में नहीं जाएंगे. जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक में उन्होंने कहा कि 2017 में महागठबंधन को छोड़कर NDA में जाना उनकी मूर्खता थी और आगे भविष्य में अब बीजेपी के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे.
@NitishKumar ने रविवार को माना कि2017 में भाजपा के साथ जाना मूर्खता था और अब भविष्य में किसी प्रकार से @BJP4India के साथ समझौता नहीं करेंगे@ndtvindia @ndtv pic.twitter.com/bzlO2wMqIB
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे साफ़ तौर पर कहा कि भाजपा के नेता ना उनकी बात सुनते थे, ना बात करते थे और उदास होकर उस गठबंधन में रहना पड़ रहा था. मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए गठबंधन में रहते हुए भी बीजेपी उन्हें हाशिये पर लाने का भी सारा उपाय कर रही थी.
@NitishKumar ने साफ़ कहा कि भाजपा के नेता ना उनकी बात सुनते थे ना बात करते थे और उदास होके उस गठबंधन में रहना पड़ रहा था और साथ साथ उन्हें हाशिये पर लाने का भी सारा उपाय होता था @ndtvindia pic.twitter.com/dEz8LZ9Gw9
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बता दें कि नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता का शनिवार को आह्वान करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को उन लोगों के कल्याण के लिए अपने मतभेदों को दफनाने की जरूरत है, जो ‘‘विकल्प'' की तलाश में हैं. जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सूत्रों ने बताया कि दल के शीर्ष नेता कुमार ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य विपक्षी दलों को एकजुट करना है.
पार्टी ने बाद में उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष के बीच एकता स्थापित करने का काम करने के लिए अधिकृत किया. बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में एक ‘‘अघोषित आपातकाल'' है और यह सरकार विभिन्न जांच एजेंसी का ‘‘दुरुपयोग'' करके विपक्ष की आवाज को ‘‘चुप'' कराने की कोशिश कर रही है.
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