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This Article is From Oct 12, 2020

बिहार में चिराग पासवान के 'सिरदर्द' बनने के लिए बीजेपी क्यों प्रशांत किशोर को दे रही दोष?

सीएम नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को नंबर दो की हैसियत से जेडीयू में शामिल कराया था लेकिन बाद में विभिन्‍न मुद्दों पर प्रशांत किशोर के सार्वजनिक रूप से निशाना साधने के बाद उन्‍हें बाहर कर दिया गया था.

बिहार में चिराग पासवान के 'सिरदर्द' बनने के लिए बीजेपी क्यों प्रशांत किशोर को दे रही दोष?
Bihar Election 2020: सुशील मोदी का मानना है, चिराग पासवान को सलाह देने का काम प्रशांत किशोर कर रहे हैं (फाइल फोटो)
पटना:

Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में इसी माह होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में चिराग पासवान (Chirag Paswan), सत्‍तारूढ़ एनडीए गठबंधन (NDA Alliance) के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं. ऐसे में डैमेज कंट्रोल में लगे बीजेपी के थिंकटैंक का मानना है कि प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) इन सब के पीछे हैं. बता दें कि पिछले चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के लिए चुनावी सफलता में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का भी बड़ा हाथ माना जाता है.

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जेडीयू यह मानने को तैयार नहीं है कि बीजेपी नेताओं के 'आशीर्वाद' के बिना चिराग पासवान ऐसा कर सकते हैं. चिराग ने हाल ही में उकसाने वाला एक और कदम उठाते हुए अपने पिता और एलजेपी के वरिष्‍ठ नेता रामविलास पासवान की मौत के बाद 'समर्थन' के लिए पीएम मोदी को एक ट्वीट के जरिये धन्‍यवाद दिया. खास बात यह है कि इस ट्वीट में बिहार में एनडीए के सीएम पद के चेहरे नीतीश कुमार का जिक्र नहीं है. चिराग पासवान को सार्वजनिक तौर पर 'खरीखोटी' नहीं कहने के लिए बिहार के बीजेपी नेतओं को अपने सहयोगी जेडीयू की आलोचना सुननी पड़ रही है. बीजेपी का मानना है कि प्रशांत किशोर इस मामले में चिराग को सलाह दे रहे हैं. वे चिराग पासवान की ओर से अब तक उठाए गए कदमों में पीके (प्रशांत किशोर) की 'छाप' देख रहे हैं. 

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हालांकि प्रशांत किशोर फरवरी से अपने गृह राज्‍य बिहार में नहीं हैं, लेकिन सुशील मोदी जैसे बीजेपी नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार की परेशानियों में इजाफा करने के लिए चिराग उन्‍ही की सलाह पर काम कर रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को नंबर दो की हैसियत से जेडीयू में शामिल कराया था लेकिन बाद में विभिन्‍न मुद्दों पर प्रशांत किशोर के सार्वजनिक रूप से निशाना साधने के बाद उन्‍हें बाहर कर दिया गया था.

वैसे, NDTV से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने इससे इनकार किया है.चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा, 'पहले तो बिहार के मौजूदा विधानसभा चुनावों की राजनीति से मुझे कुछ लेना-देना नहीं है. दूसरी बात यह कि मेरी चिराग के साथ पिछली मुलाकात नीतीश कुमार के घर में उनकी मौजूदगी में हुई थी.' प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि बीजेपी दोष मढ़ने के लिए उनके (प्रशांत के) नाम का इस्‍तेमाल कर रही है. उन्‍होंने कहा, 'यह नीतीश कुमार को 'मूर्ख बनाने' की बीजेपी की सोचीसमझी रणनीति है. क्‍या बीजेपी के नेता यह स्‍पष्‍टीकरण दे सकते हैं कि चिराग के साथ सीट शेयरिंग की बात कौन कर रहा था? क्‍या ये अमित शाह और जेपी नड्डा नहीं थे? यह क्‍या तथ्‍य नहीं है कि चिराग की अपने फैसले के पहले अमित शाह और नड्डा के साथ कई बैठक हुई थीं?' प्रशांत किशोर ने पूछा, बिहार के कई बीजेपी के नेताओं के चिराग पासवान के साथ जुड़ने वे अभी भी एनडीए से बाहर क्‍यों नही हैं? यहां तक कि बीजेपी नेताओं ने भी कहा है कि नीतीश को नुकसान पहुंचाने के इरादे से चिराग ने बीजेपी के आधा दर्जन बागियों को उतारा है, इससे बीजेपी के वोटरों में भ्रम की स्थिति निर्मित हो रही है.

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