Bihar Election 2020: बिहार के दो VIP गांव जीरादेई (Jeeradoi) और फुलवरिया (Fulwariya) हैं. जीरादेई देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद (Dr Rajendra Prasad) का है और फुलवरिया लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का पैतृक गांव है. सिवान से करीब 12 किमी दूर जीरादेई गांव है. गांव में एक कोठी है जो कि देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की है. इसे संरक्षित घोषित किया गया है. चुनाव के मौसम में कोठी के रंगरोगन का काम फिलहाल सरकार करवा रही है. इस गांव में लाइब्रेरी बनाने के लिए जीरादोई के ही निवासी रामेश्वर सिंह ने लाखों रुपये की अपनी जमीन दान दे दी, मंत्री जी के शिलान्यास का बोर्ड भी लग गया लेकिन लाइब्रेरी आज तक नहीं बनी.
संरक्षित घोषित होने के चलते गांव के लोगों को अब अपना ही घर बनवाने के लिए परमीशन लेना पड़ती है. गांव को बीजेपी के सांसद से गोद भी लिया, कागजों में ये ODF भी है..लेकिन धरातल पर लोग परेशान हैं. एक ग्रामीण ने कहा कि गांव गोद लिया था लेकिन एक दिन भी यहां झांकने नहीं आए.
बिहार के तीन बार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव का गांव फुलवरिया है. लालू यादव के वक्त यहां अस्पताल, प्रखंड दफ्तर, स्कूल और थाना सब बने...लालू राज में हुए सड़कों के उद्घाटन के बोर्ड यहां जगह जगह हैं. गांव से कुछ दूरी पर बना पंचायत भवन जर्जर है. पंचायत भवन में घांस काटने की मशीन लग गई है और लोग यहां चारा रखते हैं.
एक समय फुलवरिया गांव के लोगों की पहुंच सीधे सीएम से लेकर कलेक्टर दफ्तर तक थी, अब लोगों की शिकायत है कि गांव का नाम बताते ही लोग भगा देते हैं. गांव के मुखिया हसन हुसैन ने बताया कि यहां के विधायक ने एक काम नहीं कराया. जब जाओ तो कहते हैं फुलवरिया का काम लालू यादव करवाएंगे.
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जब चर्चित गांवों का ये हाल है तो बिहार के दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में अस्पताल से लेकर पंचायतों तक की क्या हालत होगी, यह समझा जा सकता है.
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