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This Article is From May 28, 2023

पटना में 12 जून को विपक्ष की बड़ी बैठक, 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर होगी चर्चा 

सीएम ममता बनर्जी पहले ही नीतीश कुमार के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा चुकी हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि जिस क्षेत्र या राज्य में जो पार्टी सबसे मजबूत है, उन्हें ही आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष की अगुवाई करते हुए चुनाव लड़ना चाहिए.

पटना में 12 जून को विपक्ष की बड़ी बैठक, 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर होगी चर्चा 
पटना में होगी विपक्षी दलों की बड़ी बैठक
नई दिल्ली:

विपक्षी दल अगले महीने की 12 तारीख को (12 जून को) पटना में एक बड़ी बैठक करने जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा हो सकती है. विपक्ष के एक बड़े नेता ने एनडीटीवी से कहा कि ये एक "तैयारी बैठक" है. इसे मुख्य बैठक में समझिए, प्रमुख बैठक तो बाद में होगी. बैठक की तारीख पर निर्णय तब आया जब 20 विपक्षी दलों ने एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार किया गया. 

"राष्ट्रपति के हाथ से होना चाहिए था नए संसद भवन का उद्घाटन"

विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की प्रथम नागरिक के रूप में, उन्हें ही उद्घाटन समारोह का नेतृत्व करने देना चाहिए था. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे लेकर एक ट्वीट किया था और कहा था कि वह (राष्ट्रपति) अकेले ही सरकार, विपक्ष और हर नागरिक का समान रूप से प्रतिनिधित्व करती हैं. वह भारत की पहली नागरिक हैं. उनके द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा. 

ऐसे तय हुई तारीख

बैठक की तारीख बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिन्होंने 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्षी एकता के लिए वार्ताकार के रूप में कार्य करने के लिए स्वेच्छा से काम किया, के कुछ दिन बाद ही तय की गई है. उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी. 

विपक्ष को एकजुट करने में जुटे नीतीश कुमार

नीतीश कुमार सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को एक साथ लाने की योजना बना रहे हैं. और इसके लिए ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव जैसे नेताओं को समझा पाने में सफल रहे हैं.  खास बात ये है कि ये वही नेता है जो कांग्रेस को लेकर आक्रामक रहे हैं.  

ममता भी नीतीश के साथ

ममता बनर्जी पहले ही नीतीश कुमार के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा चुकी हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि जिस क्षेत्र या राज्य में जो पार्टी सबसे मजबूत है, उन्हें ही आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष की अगुवाई करते हुए चुनाव लड़ना चाहिए. उन्होंने तो 200 सीटों पर कांग्रेस को भी समर्थन देने की बात कही थी. 

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