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ईडी की बड़ी कार्रवाई: PLFI के मुखिया दिनेश गोपे और 19 अन्य के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर 

जांच में सामने आया कि दिनेश गोपे, बतौर पीएलएफआई का मुखिया, ठेकेदारों, कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों से धमकाकर और हिंसा के जरिए लेवी (वसूली) करता था.

ईडी की बड़ी कार्रवाई: PLFI के मुखिया दिनेश गोपे और 19 अन्य के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर 
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने रांची में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के खुद को “मुखिया” बताने वाले दिनेश गोपे और उसके 19 सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत पूरक अभियोजन शिकायत यानी चार्जशीट  (Supplementary Prosecution Complaint) दाखिल की है.  यह शिकायत रांची की विशेष पीएमएलए अदालत में दायर की गई है.

ईडी की जांच के मुताबिक, दिनेश गोपे और उसके गिरोह ने आतंक और वसूली के जरिए करीब 20 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) की थी। अब तक ईडी ने करीब 3.36 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग ट्रेल का पता लगाया है.

ईडी ने यह जांच झारखंड पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दर्ज कई एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर शुरू की थी. इन मामलों में हत्या, हत्या की कोशिश, वसूली, और गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत आतंक फैलाने जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं.

जांच में सामने आया कि दिनेश गोपे, बतौर पीएलएफआई का मुखिया, ठेकेदारों, कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों से धमकाकर और हिंसा के जरिए लेवी (वसूली) करता था. इन पैसों को उसने एक जटिल मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के ज़रिए वैध दिखाने की कोशिश की.

ईडी के अनुसार, गोपे ने वसूली से मिले कैश को अपनी दो पत्नियों, शकुंतला कुमारी और हीरा देवी के नाम से चल रही शेल कंपनियों में लगाया. इन कंपनियों का कोई असली बिज़नेस नहीं था, बल्कि इन्हें सिर्फ काले धन को बैंकिंग सिस्टम में जमा कराने के लिए इस्तेमाल किया गया.

इसके बाद यह पैसा हवाला नेटवर्क, स्थानीय मनी ट्रांसफर एजेंट्स और तीसरे पक्ष के व्यवसायों के ज़रिए कई बार घुमाया गया ताकि इसका असली स्रोत छिपाया जा सके. अंत में यह पैसा लक्ज़री गाड़ियां, फिक्स्ड डिपॉजिट और परिवार के खर्चों में इस्तेमाल किया गया.

इससे पहले ईडी ने निवेश कुमार, जो पीएलएफआई का एक अहम सदस्य है, के खिलाफ भी 4 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में शिकायत दाखिल की थी. इसमें से 2 करोड़ रुपये दिनेश गोपे से हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए मिले थे. ईडी ने दिनेश गोपे को 20 अगस्त 2025 को गिरफ्तार किया था. 

नई शिकायत में ईडी ने अदालत से सभी 21 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और जब्त की गई संपत्तियों (कैश, बैंक बैलेंस और वाहन) को कब्जे में लेने (कॉन्फिस्केशन) की मांग की है. ईडी ने कहा है कि मामले की जांच अभी जारी है और आगे और खुलासे की उम्मीद है।

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