चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दौरान विक्रम लैंडर से संपर्क टूट जाने को लेकर देश भर में गम का माहौल है लेकिन लोग इसरो के वैज्ञानिकों के इस प्रयास की सराहना की है. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी महाभारत में चक्रव्यूह भेदने के दौरान अभिमन्यु के कथानक का जिक्र करते हुए इस मिशन के लिए वैज्ञानिकों की मेहनत की तारीफ की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, हो सकता है कि चक्रव्यूह का सातवाँ चरण भेदने में थोड़ा बिलम्ब हो जाए लेकिन 6 चरणों को भेदकर विश्व भर में अपना इतिहास गढ़ना ही किसी को 'अभिमन्यु' बनाता है. इसरो ने विश्व को संदेश दे दिया है कि 21 वीं सदी भारत की ही होने वाली है. सभी के कठिन परिश्रम और लगन को मेरा सलाम.''
हो सकता है कि चक्रव्यूह का सातवाँ चरण भेदने में थोड़ा बिलम्ब हो जाए लेकिन 6 चरणों को भेदकर विश्व भर में अपना इतिहास गढ़ना ही किसी को 'अभिमन्यु' बनाता है।@isro ने विश्व को संदेश दे दिया है कि 21 वीं सदी भारत ???????? की ही होने वाली है.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 7, 2019
सभी के कठिन परिश्रम और लगन को मेरा सलाम।#ISRO
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बता दें 'चंद्रयान-2' के लैंडर ‘विक्रम' का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया. 'विक्रम' ने 'रफ ब्रेकिंग' और 'फाइन ब्रेकिंग' चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन 'सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया. इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं. लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित देश के तमाम नेताओं ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबंधित घटनाक्रम के मद्देनजर आज सुबह आठ बजे राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ''आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए उसकी जय के लिए जीते हैं. आप वो लोग हैं जो मां भारती के जय के लिए जूझते हैं. आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए जज्बा रखते हैं. और इसलिए मां भारती का सिर ऊंचा हो इसके लिए पूरा जीवन खपा देते हैं. अपने सपनों को समाहित कर देते हैं. साथियों मैं कल रात को आपकी मनोस्थिति को समझता था. आपके आंखें बहुत कुछ कहती थीं. आपके चेहरे की उदासी मैं पढ़ पाता था और उसलिए ज्यादा देर मैं आपके बीच नहीं रुका. कई रातों से आप सोए नहीं है फिर भी मेरा मन करता था कि एक बार सुबह फिर से आपको बुलाऊं आपसे बातें करूं.''
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