विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 02, 2023

भोपाल गैस त्रासदी : 39 साल बाद भी भीषण औद्योगिक हादसे की पीड़ा से उबर नहीं पा रहा शहर

भोपाल में 2 और 3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक फैक्ट्री से जहरीली गैस लीक होने से 3,787 लोग मारे गए थे. यह हादसा दुनिया की भीषणतम औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक था.

Read Time: 4 mins

भोपाल में 2 और 3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से लीक हुई जहरीली गैस से हजारों जानें गईं.

Bhopal Gas Tragedy: दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक की त्रासदी भोपाल शहर ने सन 1984 में 2-3 दिसंबर की दरमियानी रात में झेली थी. भोपाल गैस कांड एक ऐसा औद्योगिक हादसा था जिसकी पीड़ा लाखों लोगों ने झेली. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 और 3 दिसंबर की रात में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) के कीटनाशक संयंत्र में मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस लीक हो गई थी. इस जहरीली गैस के संपर्क में आने से लाखों व्यक्ति प्रभावित हुए थे और करीब 3800 लोगों की तत्काल मौत हो गई थी. 

इतिहास की सबसे गंभीर औद्योगिक आपदाओं में से एक मानी जाने वाली इस घटना ने हजारों लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी स्थायी समस्याओं को झेलने के लिए मजबूर कर दिया. यह घटना गंभीर औद्योगिक लापरवाही के विनाशकारी नतीजों की याद दिलाती है. भोपाल शहर के लोग इस त्रासदी के दुखद और दूरगामी परिणाम आज तक झेल रहे हैं.

विश्व में 20वीं सदी में हुई प्रमुख औद्योगिक दुर्घटना

संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की ओर से जारी की गई 2020 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 1984 में मध्य प्रदेश की राजधानी में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक संयंत्र से निकली कम से कम 30 टन मिथाइल आइसोसाइनेट गैस ने शहर के 6,00,000 से अधिक लोगों को प्रभावित किया था. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि, "सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अनुमान है कि पिछले कुछ सालों में इस आपदा के नतीजे में 15000 मौतें हुई हैं. जहरीला सामान बना हुआ है. हजारों जीवित बचे लोग और उनके वंशज श्वसन से जुड़े रोगों, आंतरिक अंगों से जुड़ी समस्याओं और प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी से पीड़ित हुए हैं."

"भविष्य के कामकाज के केंद्र में सुरक्षा और स्वास्थ्य: 100 वर्षों के अनुभव पर निर्माण" शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भोपाल त्रासदी सन 1919 के बाद हुईं दुनिया की प्रमुख औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक थी.

भोपाल में जहरीली गैस से प्रभावित हुए लोग बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील

इस आपदा की 39वीं बरसी से एक दिन पहले गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन (NGO) ने शुक्रवार को दावा किया कि सन् 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के दौरान गैस रिसाव के संपर्क में आने वाले लोगों में मधुमेह, हृदय रोग, न्यूरोपैथी और गठिया जैसी बीमारियों की आशंका गैर गैस पीड़ितों की अपेक्षा तीन गुना ज्यादा है.

संभावना ट्रस्ट क्लीनिक में पंजीकरण सहायक नितेश दुबे ने कहा, “हमारे क्लीनिक के आंकड़ों से पता चलता है, कि क्लीनिक में पिछले दो सालों में इलाज कराने वाले 6254 लोगों में से मधुमेह, हृदय रोग, न्यूरोपैथी और गठिया जैसी बीमारी गैर गैस पीड़ितों की अपेक्षा गैस पीड़ितों में तीन गुना ज्यादा हैं. गैर गैस पीड़ितों की अपेक्षा गैस पीड़ितों में उच्च रक्तचाप, एसिड पेप्टिक रोग, अस्थमा, सीओपीडी, सर्वाइकल स्पोंडिलाइसिस और चिंता की बीमारियां दोगुनी हैं.''

गैस पीड़ितों के इलाज के लिए भोपाल में संभावना क्लीनिक सितंबर 1996 से चल रहा है. इसमें अब तक 36,730 व्यक्तियों का दीर्घकालिक देखभाल के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया है.

भोपाल हादसे के 39 साल पूरे हो रहे हैं लेकिन गैस पीड़ितों की मौतों का सिलसिला अब तक जारी है. संभावना क्लिनिक में योग चिकित्सक डॉ श्वेता चतुर्वेदी के अनुसार, एक जनवरी 2022 से क्लीनिक में इलाज करवा रहे 3832 गैस पीड़ितों में से 22 की मौत हो गई है.

यह भी पढ़ें -

बंबई हाईकोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी पर बनी वेब सीरीज के प्रदर्शन पर रोक लगाने से किया इनकार

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
पहाड़ों से मैदान तक मूसलाधार बारिश, इन राज्यों के लिए IMD ने जारी किया अलर्ट!
भोपाल गैस त्रासदी : 39 साल बाद भी भीषण औद्योगिक हादसे की पीड़ा से उबर नहीं पा रहा शहर
महाराष्ट्र के सांगली में अभिभावक का दावा, 'मध्याह्न भोजन के पैकेट में मरा हुआ सांप मिला'
Next Article
महाराष्ट्र के सांगली में अभिभावक का दावा, 'मध्याह्न भोजन के पैकेट में मरा हुआ सांप मिला'
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;