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This Article is From Jul 18, 2020

अयोध्या में अगस्त के पहले हफ्ते में हो सकता है राम मंदिर का भूमिपूजन, पीएमओ की सहमति का इंतजार

अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई, पूर्व निर्धारित आकार से ज्यादा बड़ा बनाया जाएगा राम मंदिर

अयोध्या में अगस्त के पहले हफ्ते में हो सकता है राम मंदिर का भूमिपूजन, पीएमओ की सहमति का इंतजार
प्रतीकात्मक फोटो.
लखनऊ:

अयोध्या (Ayodhya) में रामलला के मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को तीन या पांच अगस्त को भूमिपूजन के लिए आमंत्रित किया गया है. यह भी तय हुआ है कि अब मंदिर पहले से काफी बड़ा बनाया जाएगा. यह जानकारी शनिवार को अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के बाद मीडिया को दी गई.

अयोध्या में रामलला का मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट की मीटिंग करीब ढाई घंटे चली. अभी मंदिर परिसर में जमीन को बराबर करने और पैमाइश का काम चल रहा है. लेकिन निर्माण का काम प्रधानमंत्री के भूमिपूजन के बाद ही शुरू होगा.

राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि ''प्रधानमंत्री जी को निवेदन कर दिया गया है. स्वयं पूज्य स्वामी नृत्यगोपाल दास जी ने प्रधानमंत्री से निवेदन किया है. तिथियों का सुझाव भी दिया है. लेकिन अंतिम निर्णय तो प्रधानमंत्री कार्यालय को करना है.''

ट्रस्ट की बैठक में विशेषज्ञों की राय से मंदिर को और बड़ा बनाने का भी फैसला हुआ. पहले मंदिर में तीन शिखर बनने थे, अब पांच शिखर बनेंगे. पहले मंदिर निर्माण का एरिया 47000 वर्गफीट था, अब 57000 वर्गफीट होगा. पहले मंदिर की ऊंचाई 148 फीट थी, अब ऊंचाई 161 फीट होगी. मंदिर परिसर के चारों कोनों पर सीता जी, लक्ष्मण जी, भरत जी और गणेश जी के चार मंदिर बनाने की भी राय आई है. मंदिर का एरिया 67 एकड़ से ज्यादा बढ़ाने की भी कुछ लोगों की राय है.

राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि ''मॉडल में कोई परिवर्तन नहीं होगा. भव्यता के लिए ऊंचाई बढ़ जाएगी. दिव्यता के लिए थोड़ी चौड़ाई बढ़ जाएगी.'' तीन की जगह पांच गुंबद बनाने और ऊंचाई बढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पांच गुंबद बढ़ने से  एरिया 47000 से 57000 स्क्वेयर फीट हो जाएगा. ऊंचाई 161 फीट होगी.

रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में अयोध्या में कुछ सदस्य और कुछ विशेष आमंत्रित लोग शामिल हुए. इनमें ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, महासचिव चंपत राया, गोविंद देव गिरी, स्वामी परमानंद, कामेश्वर चौपाल, डॉ अनिल मिश्र, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास, एडीशनल चीफ सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी, अयोध्या के डीएम अनुज झा, संघ सर कार्यवाह कृष्ण गोपाल दास, राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र, राम जन्मभूमि परिसर के सुरक्षा सलाहकार केके शर्मा और कमल नयन दस शामिल थे. जगदगुरु वासुदेव आनंद सरस्वती, स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ महाराज और के पारासरण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए शामिल हुए.

एक राय यह भी आई कि पीएम के भूमि पूजन का कार्यक्रम कोरोना की वजह से छोटा रखा जाए. इसमें पीएम, उनका स्टाफ, उनकी सुरक्षा के लोग, सीएम योगी, उनकी सुरक्षा और स्टाफ के लोग और कुच्छ वरिष्ठ नेता और साधु संत ही मौजूद रहें.

चंपत राय ने कहा कि ''देश की परिस्थितियां, देश की सीमाओं की परिस्थितियां, कोरोना महामारी में समाज की परिस्थितियां.. इसलिए पीएमओ सब प्रकार से होलिस्टिक चिंतन करेगा. लेकिन हमने उनको तिथियां बताई हैं. उनकी जब सहमति आएगी..आप भी जानते हैं कि प्रधानमंत्री आएंगे तो कम से कम 15 दिन का समय तो प्रशासन को चाहिए.''

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