खास बातें
- भीमा कोरेगांव हिंसा की समीक्षा करेगी सरकार
- महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बुलाई बैठक
- पुणे पुलिस के अधिकारियों के साथ करेंगे बैठक
महाराष्ट्र के गृह मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) साल 2018 में हुए भीमा कोरेगांव हिंसा (Bhima Koregaon Case) मामले की समीक्षा करेंगे. इसको लेकर गुरुवार को मीटिंग रखी गई है. मीटिंग के लिए पुणे पुलिस के आला अधिकारियों को मुंबई बुलाया गया है. अनिल देशमुख उनसे बात करेंगे. गृह मंत्री ने इस बारे में कहा कि वह पुलिस को मिले सबूतों के आधार पर उनके द्वारा इस मामले की जानकारी मिलने के बाद ही इसकी समीक्षा करेंगे और किसी नतीजे तक पहुंचेंगे.
'लोकसत्ता' से बात करते हुए गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि पिछली सरकार ने किसी से भी असहमति होने पर उन्हें 'शहरी नक्सली' का टैग दिया था. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार ऐसा नहीं करेगी क्योंकि उनकी सरकार लोकतंत्र में विश्वास रखती है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है. महाराष्ट्र सरकार भीमा कोरेगांव मामले की समीक्षा करेगी. इस मामले में SIT के गठन की मांग उठ रही है. सरकार अधिकारियों के साथ बैठक में इसकी समीक्षा करेगी और फिर तय करेगी की आगे क्या करना है.
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बताते चलें कि 1 जनवरी, 2018 को पुणे के भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई थी. दलित समुदाय के लोग 250 साल पहले हुई दलितों और मराठाओं के बीच हुई लड़ाई में दलितों की जीत का जश्न मनाने के लिए वहां हर साल इकट्ठा होते हैं. पुलिस का आरोप था कि कार्यक्रम के आयोजकों के नक्सलियों से संबंध थे. बीते साल अगस्त और सितंबर में 10 एक्टिविस्ट्स को गिरफ्तार किया गया था. सभी आरोपी ट्रायल का सामना कर रहे हैं. गौरतलब है कि हाल ही में एनसीपी नेताओं ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से मुलाकात कर भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपियों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को बंद करने की मांग की थी.
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