Bhatapara Election Results 2023: जानें, भाटापारा (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

भाटापारा विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 230947 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 63399 ने बीजेपी उम्मीदवार शिवरतन शर्मा को वोट देकर जिताया था, जबकि 51490 वोट पा सके कांग्रेस प्रत्याशी सुनील महेश्वरी 11909 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Bhatapara Election Results 2023: जानें, भाटापारा (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 7 तथा 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

आज से 22 साल पहले मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य के मध्य क्षेत्र में मौजूद है बलोदा बाजार जिला, जहां बसा है भाटापारा विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 230947 मतदाता थे, और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार शिवरतन शर्मा को 63399 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार सुनील महेश्वरी को 51490 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 11909 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भाटापारा विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार शिवरतन शर्मा ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 76137 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार चैतराम साहू को 63797 वोट मिल पाए थे, और वह 12340 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में भाटापारा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार चैतराम साहू को कुल 58242 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी शिवरतन शर्मा दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 52010 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 6232 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद पर बैठे थे. इन्हीं नतीजों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह की 15 साल तक चली सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया था, क्योंकि इस चुनाव में BJP महज़ 15 सीटें अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता कैसे बदली, इसे समझने के लिए वर्ष 2013 के चुनाव नतीजों पर भी नज़र डालनी होगी. उस समय BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर 1 फीसदी से भी कम रहा था. अब भूपेश बघेल सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, जबकि BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.