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This Article is From Sep 30, 2022

‘भारत जोड़ो यात्रा’ विपक्ष के पास अभिव्यक्ति का इकलौता विकल्प है : राहुल गांधी

कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को दावा किया कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ('Bharat Jodo Yatra') जनता तक पहुंचने के लिए पार्टी के पास बचा एकमात्र विकल्प है क्योंकि अभिव्यक्ति के अन्य सभी मंच विपक्ष के लिए बंद कर दिए गए हैं.

‘भारत जोड़ो यात्रा’ विपक्ष के पास अभिव्यक्ति का इकलौता विकल्प है : राहुल गांधी
गांधी ने कहा, ‘‘यह यात्रा संविधान को बचाने के लिए है.
गुंडलुपेट:

कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को दावा किया कि ‘भारत जोड़ो यात्रा' ('Bharat Jodo Yatra') जनता तक पहुंचने के लिए पार्टी के पास बचा एकमात्र विकल्प है क्योंकि अभिव्यक्ति के अन्य सभी मंच विपक्ष के लिए बंद कर दिए गए हैं. उनकी ‘भारत जोड़ो यात्रा' शुक्रवार को तमिलनाडु के गुडालुर से कर्नाटक में यहां चामराजनगर पहुंची. गांधी ने यहां एक जनसभा में कहा, ‘‘लोकतंत्र में विभिन्न संस्थान हैं. मीडिया और संसद भी है लेकिन विपक्ष के लिए इन सभी को बंद कर दिया गया है और मीडिया हमारी नहीं सुनता है. पूरी तरह सरकार का नियंत्रण है. संसद में हमारे माइक बंद कर जाते हैं, विधानसभाओं को काम करने नहीं दिया जाता और विपक्ष को प्रताड़ित किया जाता है. ऐसी स्थिति में हमारे पास केवल ‘भारत जोड़ो यात्रा' का विकल्प बचा.''

उन्होंने कहा कि देश में कोई ताकत इस यात्रा को नहीं रोक सकती क्योंकि यह ‘‘भारत की यात्रा'' है. उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत की यात्रा है और भारत की आवाज को सुनने वाली यात्रा है जिसे कोई दबा नहीं सकता.'' पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगले 21 दिनों के दौरान विभिन्न जिलों से गुजरने वाली इस यात्रा में ‘‘कर्नाटक का दर्द'' सुना जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘अगले 20 से 25 दिन में आप मेरे साथ रहेंगे और आप कर्नाटक का दर्द सुनेंगे. आप कर्नाटक में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई के बारे में सुनेंगे.''

उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय संविधान को ‘‘बचाना'' और ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की नफरत और हिंसा की विचाराधारा के खिलाफ खड़े होना है.'' गांधी ने कहा, ‘‘यह यात्रा संविधान को बचाने के लिए है. संविधान के बिना इस तिरंगे का कोई अर्थ नहीं है.''कांग्रेस नेता ने कहा कि यात्रा में महंगाई, बेरोजगारी, किसानों पर अत्याचार और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण के खिलाफ लोगों का संघर्ष शामिल है. उन्होंने कहा, ‘‘इस यात्रा का उद्देश्य आपको भाषण देना नहीं बल्कि आपकी समस्या सुनना है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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