‘भारत जोड़ो यात्रा’ कुछ ऐसी है, जैसे 1000 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली : बीआरएस नेता के. कविता

कविता ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने (राहुल गांधी) एक पैदल मार्च निकाला - ‘भारत जोड़ो यात्रा’. आप जानते हैं मैं (इस यात्रा को लेकर) कैसा महसूस करती हूं?, हजार चूहों को मार कर एक बिल्ली हज यात्रा को निकलती है. ऐसी है राहुल गांधी जी की यात्रा.’’

‘भारत जोड़ो यात्रा’ कुछ ऐसी है, जैसे 1000 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली : बीआरएस नेता के. कविता

निजामाबाद: भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान पार्षद के. कविता ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि हाल में संपन्न ‘भारत जोड़ो यात्रा' कुछ इस तरह है, जैसे ‘‘1000 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली.'' कविता ने भोदान में बीआरएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 62 वर्ष तक देश पर शासन किया, जिसमें ‘गरीबी हटाओ' के नारे के बावजूद ‘‘गरीब, गरीब ही बने रहे.''

अगला आम चुनाव निजामाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लड़ने की सार्वजनिक रूप से घोषणा करने के बाद यह कविता का इस क्षेत्र का पहला दौरा है. बीआरएस नेता के स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं ने एक विशाल रैली आयोजित की. कविता ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने (राहुल गांधी) एक पैदल मार्च निकाला - ‘भारत जोड़ो यात्रा'. आप जानते हैं मैं (इस यात्रा को लेकर) कैसा महसूस करती हूं?, हजार चूहों को मार कर एक बिल्ली हज यात्रा को निकलती है. ऐसी है राहुल गांधी जी की यात्रा.''

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने देश की आजादी के बाद 62 साल तक शासन किया. आपने मुसलमानों के लिए क्या किया? आप (कांग्रेस पार्टी) ‘गरीबी हटाओ' कहते रहे. आपने गरीबों के लिए क्या किया? आपने गरीबों को हटाया, गरीबी को नहीं.'' कविता ने बीआरएस पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे निर्वाचन क्षेत्र के हर घर और मस्जिद के मौलानाओं से मिलें और उन्हें ये समझायें कि कांग्रेस को वोट क्यों नहीं देना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना में कोई भी वह क्रांति नहीं ला सका जो मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) पिछले 10 वर्ष में राज्य में लाने में सक्षम रहे हैं. हमारे अल्पसंख्यक भाइयों को इस बारे में सोचना चाहिए कि क्या किसी को कांग्रेस को वोट देना चाहिए.'' उन्होंने दावा किया कि पीढ़ियों से कांग्रेस नेताओं के शासन के बावजूद देश में कोई विकास नहीं हुआ है.

बीआरएस नेता ने दावा किया कि तेलंगाना के मुसलमान ‘कार और सरकार' (कार बीआरएस का चुनाव चिन्ह है) के अलावा कुछ भी नहीं सोच रहे हैं. उन्होंने कहा कि केसीआर शासन के तहत पिछले 10 वर्ष के दौरान राज्य में कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई है.

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