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Bharat Bandh: न खाना-पीना, पैदल नापा रास्ता... बिहार में पुलिस भर्ती के लिए छात्रों को देनी पड़ी दो-दो 'परीक्षा'

नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन (NACDAOR) ने SC के फैसले को दलितों और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताते हुए 14 घंटे का भारत बंद बुलाया है. भारत बंद का सबसे ज्यादा असर बिहार में देखा जा रहा है. वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी कुछ इलाकों पर भारत बंद का असर है. 

Bharat Bandh: न खाना-पीना, पैदल नापा रास्ता... बिहार में पुलिस भर्ती के लिए छात्रों को देनी पड़ी दो-दो 'परीक्षा'
दरभंगा में बंद के दौरान समर्थकों ने संपर्क क्रांति ट्रेन रोकी
पटना:

अनुसूचित जाति/ जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर और कोटा के अंदर कोटा लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित-आदिवासी संगठनों ने बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है. नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन (NACDAOR) ने SC के फैसले को दलितों और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताते हुए 14 घंटे का भारत बंद बुलाया है. भारत बंद का सबसे ज्यादा असर बिहार में देखा जा रहा है. वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी कुछ इलाकों पर भारत बंद का असर है. 

भारत बंद को अलग-अलग राज्यों की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियां भी समर्थन कर रहीं हैं. इनमें प्रमुख रूप से बहुजन समाज पार्टी, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, एलजेपी (R), भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम), भारत आदिवासी पार्टी शामिल है. कांग्रेस भी भारत बंद का समर्थन कर रही है. 
 

बिहार में कहां-कहां भारत बंद का असर?
बिहार के कुछ जिलों में भारत बंद का असर देखा जा रहा है. आरा के रानी बागमती रेलवे स्टेशन पर बंद समर्थकों ने सुबह एक्सप्रेस ट्रेन रोक दी. भोजपुर में भारत बंद की वजह से दुकानों पर ताला लटका रहा. रोजमर्रा के कामकाज ठप रहे. सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दिया. जहानाबाद में भी एरकी गांव के पास बंद समर्थक जमा हो गए. उन्होंने पटना-गया मुख्य सड़क मार्ग NH-83 पर जाम लगा दिया. इस बंद से सबसे ज्यादा दिक्कत पुलिस भर्ती परीक्षा देने जा रहे युवकों को हुई. बंद की वजह से ऑटो-बस नहीं चल रही थी. लिहाजा लोग पैदल चलकर परीक्षा केंद्र पर पहुंचे. जिन छात्रों का परीक्षा केंद्र दूर था, वे काफी परेशान दिखाई दिए.

पटना में भीड़ पर लाठीचार्ज
बिहार की राजधानी पटना में भारत बंद का अच्छा-खासा असर देखने को मिल रहा है. बड़ी संख्या में बंद के समर्थक सड़कों पर जुटे हुए हैं. ये लोग बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ रहे थे, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. पटना के डिप्टी एसपी अशोक कुमार सिंह का कहना है कि यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं है. आम आदमी ट्रैवल नहीं कर पा रहा है. हम प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन नहीं करने को कह रहे हैं. लेकिन कोई समझ ही नहीं पा हाँ. इस वजह से उन्हें खदेड़ने के लिए हमें हल्का बलप्रयोग भी करना पड़ा.

जहानाबाद में NH-83 को किया जाम
भारत बंद के दौरान बिहार के जहानाबाद में बंद समर्थकों ने बुधवार सुबह ऊंटा मोड़ के पास पटना गया मुख्य सड़क मार्ग NH-83 को करीब 2 घंटे तक जाम रखा. भारत बंद के दौरान बंद समर्थक और पुलिस के बीच भी हाथापाई हुई. पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में लिया है. इसके बाद सड़क से जाम को खुलवाया गया. 

वैशाली और शेखपुरा में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी
जहानाबाद के अलावा वैशाली और शेखपुरा में बंद समर्थकों ने सड़कों पर ट्रैफिक रोकने की कोशिश की. औरंगाबाद के रफीगंज में भीम आर्मी भारत बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरी. सहरसा में भी लोग सड़कों पर उतर गए हैं. प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है.

पटना में सड़क जाम और आगजनी
पटना में बंद समर्थकों ने महेंद्रु अंबेडकर हॉस्टल के पास सड़क को जाम कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान आगजनी की. बंद की वजह से बाजारों में दुकानों पर ताला लटका है. सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं. दरभंगा में भीम आर्मी और अन्य दलित संगठनों ने बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन का चक्का जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. पटना में बंद समर्थकों ने बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को हालात पर नियंत्रण के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. पुलिस को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है और गश्त तेज कर दी गई है.

हाजीपुर और मुजफ्फरपुर में RJD कार्यकर्ताओं का हंगामा
हाजीपुर और मुजफ्फरपुर में भी RJD और अन्य बंद समर्थक संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. इस बंद का राष्ट्रीय जनता दल और विकासशील इंसान पार्टी सहित कई राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है. बंद को देखते हुए पुलिस गश्त तेज कर दी गई है. पटना जिला प्रशासन ने बंद में शामिल होने वालों से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने का आग्रह किया है.
 

मधुबनी में भी लगाया जाम, कई वाहन फंसे
भारत बंद का मधुबनी में भी खासा असर देखा गया. मधुबनी स्टेशन चौक को जाम कर ट्रैफिक रोक दिया गया. दर्जनों आरक्षण समर्थकों ने थाना चौक से जुलूस निकालकर नारेबाजी की. स्टेशन चौक जाम होने से मधुबनी दरभंगा का रास्ता बंद हो. इससे पटना जाने वाली बसें जाम में फंस गईं. हालांकि, बंद समर्थकों ने ऐंबुलेंस सहित अन्य अनिवार्य सेवाओं को बहाल रखा. भारत बंद को देखते हुए बिहार में प्रशासन अलर्ट मोड पर है. चौक चौराहों स्टेशन सहित सरकारी प्रतिष्ठानों पर पुलिस को तैनात किया गया है. 

बेगूसरायः  नेशनल हाइवे 31 पर लगाया जाम 
बेगूसराय में भी भारत बंद का असर दिखा. भीम सेना के बैनर तले बेगूसराय में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे. दिल्ली से गुवाहाटी जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 31 को कई जगह जाम किया गया.

भारत बंद के कारण बिहार में पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए आ रहे छात्र काफी परेशान दिखाई दिए. एक छात्र ने बताया कि उसे स्टेशन से पैदल ही परीक्षा केंद्र के लिए जाना पड़ रहा है.

भारत बंद के कारण बिहार में पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए आ रहे छात्र काफी परेशान दिखाई दिए. एक छात्र ने बताया कि उसे स्टेशन से पैदल ही परीक्षा केंद्र के लिए जाना पड़ रहा है.

पुलिस भर्ती परीक्षा देने आए छात्र हुए परेशान
बंद से सबसे ज्यादा परेशान पुलिस भर्ती परीक्षा देने जा रहे छात्र हुए. गाड़ियां न चलने से कई छात्र पैदल ही परीक्षा केंद्र की दूरी नापते दिखाई दिए. NDTV ने जब छात्रों से बात की, तो उन्होंने बताया कि बंद के कारण खाने पीने के लिए भी कुछ नहीं मिल रहा है. जिन छात्रों के परीक्षा केंद्र दूर थे, वे घबराए हुए दिखाई दिए. इनमें से कुछ का कहना था कि उनकी परीक्षा छूट भी सकती है. 

पैदल चल पुलिस परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थी, स्टेशन पर गुजारी रात
एक अभ्यर्थी ने कहा, "बिहार पुलिस की परीक्षा देने आए हैं, बहुत समस्या हो रही है, स्टेशन से यहां तक पैदल आए हैं. कुछ खाने तक को नहीं मिल रहा है. बंद से बहुत दिक्कतें हो रही है. मैं बक्सर जिला से आया हूं." वहीं, एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा, "गाड़ी नहीं चल रही, आने में दिक्कत हुई. बंद होने की वजह से होटल भी नहीं मिले. इसलिए रातभर स्टेशन पर रहना पड़ा. पैदल चलकर ही सेंटर पर पहुंचे. ऐसे हालातों में अगर किसी का सेंटर दूर हुआ, तो यकीनन उसका एग्जाम छूट जाएगा." 

बिहार पुलिस की परीक्षा देने पहुंचे एक और अभ्यर्थी ने कहा, "हम भी पैदल चलकर पहुंचे हैं, जब ऐसे हालात रहेंगे तो दिक्कत तो होगी ही. गाड़ी नहीं थी हम पैदल चलकर आए. एक और अभ्यर्थी ने कहा कि गाड़ी नहीं चल रही, इससे परेशानी तो हो ही री है. भारत बंद का काफी असर हो रहा है. बाइक से सेंटर पहुंचने में काफी परेशानी हुई."

बंद में जोर-जबरदस्ती करने पर होगी एफआईआर
इस बीच प्रशासन ने कहा है कि बंद के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जोर-जबरदस्ती करने वालों, यातायात बाधित करने वालों, लोक–व्यवस्था और आम जनजीवन को प्रभावित करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा. ऐसे लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

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भारत बंद से प्रभावित सेवाएं

  1. मेडिकल सेवाओं, पुलिस और फायर सेवाओं को छोड़कर सुबह 6 बजे से लेकर रात 8 बजे तक सब कुछ बंद रहेगा. आम जनता को घरों से बाहर निकलने की अपील की गई है.
  2. बिहार में मॉल, दुकान, कार्यालय, रेहड़ी, बैंक, मंडी, मार्केट, बाजार, फैक्ट्री, कंपनी, वर्कशॉप, पर्यटक स्थल आदि सब बंद हैं. सरकारी या प्राइवेट बस नहीं चलेगी, निजी वाहन, कमर्शियल वाहन, टैक्सी, ऑटो सर्विस भी प्रभावित हैं.
  3. बड़े या छोटे ट्रांसपोर्ट, ट्रक, मालवाहन, मालगाड़ी, होम डिलीवरी की सुविधा भी बंद रहेगी. सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, पेट्रोल पंप, सीएनजी पंप, एलपीजी गोदाम पम्प आदि बंद है. वकील भी काम नहीं नहीं कर रहे हैं.

 

आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का क्या है फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार (1 अगस्त) को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. सात जजों के पीठ ने ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश मामले में 2004 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया. अदालत ने कहा कि राज्य SC-ST आरक्षण में सब कैटेगरी बना सकते हैं. इसके साथ ही अदालत ने अपने फैसले में  SC-ST आरक्षण में क्रीमी लेयर का जिक्र भी किया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ दलित संगठन और दलितों की राजनीति करने वाले दल एकजुट हो रहे हैं. 

दलित संगठनों की क्या है मांगें
-सरकारी नौकरियों में पदस्थ SC, ST और OBC कर्मचारियों का जातिगत आंकड़ा जारी करने और भारतीय न्यायिक सेवा के जरिए न्यायिक अधिकारी और जज नियुक्त करने की मांग.
- सरकारी सेवाओं में SC/ST/OBC कर्मचारियों के जाति आधारित डेटा को तत्काल जारी किया जाए, ताकि उनका सटीक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके. 
-समाज के सभी वर्गों से न्यायिक अधिकारियों और जजों की भर्ती के लिए एक भारतीय न्यायिक सेवा आयोग की भी स्थापना की जाए ताकि हायर ज्यूडिशियरी में SC, ST और OBC कैटेगरी से 50% प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए. 

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