जोधपुर:
नर्स भंवरी देवी के लापता होने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 24 नवंबर तक का समय दिया। भंवरी एक सितम्बर से ही बिलारा इलाके से लापता है। ज्ञात हो की भंवरी की गुमशुदगी में कथित भूमिका होने का आरोप लगने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 16 अक्टूबर को राज्य के जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा को मंत्रिमंडल से हटा दिया था। मदेरणा पर नर्स का बलात्कार, अपहरण और हत्या के आरोप लगने पर कांग्रेस उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित कर चुकी है। न्यायमूर्ति एनके जैन एवं न्यायमूर्ति गोविंद माथुर की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 नवंबर तय की है तथा जांच एजेंसी को उस तिथि तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। भंवरी देवी 25 अगस्त से ही ड्यूटी से गैरहाजिर है। उसकी गुमशुदगी की शिकायत उसके पति अमरचंद ने एक सितम्बर को दर्ज कराई थी। यह शिकायत बाद में अपहरण के मामले में तब्दील हो गई। सीबीआई ने इससे पूर्व अदालत से अनुरोध किया था कि जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए उसे चार हफ्ते का समय दिया जाए। अदालत अमरचंद द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई कर रही है। अदालत ने कहा कि सीबीआई को 'अनिश्चित समय' नहीं दिया जा सकता तथा जांच एजेंसी से जांच में तेजी लाने को कहा। सीबीआई ने 11 नवंबर को अदालत को एक मुहरबंद लिफाफे में अब तक हुई जांच की स्थिति रिपोर्ट सौंपी थी। इससे एक दिन पूर्व जांच एजेंसी ने मदेरणा से छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। जिस समय उनसे पूछताछ की जा रही थी, उसी दौरान कुछ समाचार चैनलों पर एक सीडी प्रसारित की जा रही थी जिसमें नर्स और मदेरणा को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था। 24 सितंबर को जोधपुर में एक अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश ने पुलिस को इस मामले में मदेरणा का नाम एक अभियुक्त के तौर पर शामिल करने तथा बालात्कार, हत्या एवं आपराधिक षड्यंत्र रचने के लिए तय न्यायिक प्रावधानों के तहत उनकी भूमिका की जांच का निर्देश दिया था। यह मामला बाद में सीबीआई को सौंप दी गई।
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