राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत का मस्जिद का दौरा और इमामों के संगठन के प्रमुख के साथ बैठक करना संघ के रूख से भटकाव नहीं है. उन्होंने कहा कि संघ के रूख के बारे में कांग्रेस की समझ सही नहीं है और उसे ‘पश्चाताप' करना चाहिए.
आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस के उस बयान की आलोचना की, जिसमें विपक्षी दल ने कहा था कि उसकी ‘भारत जोड़ो यात्रा' का यह प्रभाव है कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत इमामों और मुस्लिम समुदाय के लोगों के पास पहुंच गए. तीन मूर्ति चौक पर 104 वें हाइफा विजय दिवस समारोह से इंद्रेश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि संघ के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है, वह पूर्ववत है और आगे भी यही रहेगा तथा यह शाश्वत है.
कुमार ने कहा कि लोगों ने इसे गलत समझा है क्योंकि उन्हें गुमराह किया गया है. गलतफहमी पैदा करने के प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भागवत की इलियासी से मुलाकात अल्पसंख्यक समुदाय के साथ संवाद करने के संघ की पहल का हिस्सा है, जिसकी शुरूआत 20 वर्ष पहले आरएसएस के तत्कालीन प्रमुख के. एस. सुदर्शन के नेतृत्व में हुई थी. कांग्रेस को संघ पर निशाना साधने के लिए ‘पश्चाताप' करना चाहिए। कुमार ने कहा कि अगर वह (कांग्रेस) पश्चाताप करती है, तब संघ उसकी गलतफहमी को दूर कर देगा.
उल्लेखनीय है कि भागवत ने यहां बृहस्पतिवार को एक मस्जिद और मदरसे का दौरा किया था तथा ऑल इडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख के साथ बैठक की थी. आरएसएस के ‘सरसंघचालक' मध्य दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित एक मस्जिद में गए और उसके बाद उन्होंने उत्तरी दिल्ली के आजादपुर में मदरसा तजावीदुल कुरान का दौरा भी किया था.
इस दौरान, ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख उमर अहमद इलियासी ने कहा था, ‘‘भागवत के इस दौरे से संदेश जाना चाहिए कि भारत को मजबूत बनाने के लक्ष्य को लेकर हम सभी मिलकर काम करना चाहते हैं. हम सभी के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है. हमारा डीएनए समान है, सिर्फ हमारा धर्म और इबादत के तौर-तरीके अलग-अलग हैं.''
भागवत के दौरे के बाद एक बयान में आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा था कि सरसंघचालक समाज के सभी वर्गों/हिस्सों के लोगों से मिलते हैं. यह सामान्य संवाद प्रक्रिया का हिस्सा है. संघ प्रमुख ने हाल में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल जमीरउद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और कारोबारी सईद शेरवानी से मुलाकात की थी.
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