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This Article is From Dec 25, 2023

"28 फरवरी तक कन्नड़ भाषा में बदल लें दुकानों के नेमप्लेट वरना...", बेंगलुरु महानगर पालिका का आदेश

बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के चीफ कमिश्नर तुषार गिरि नाथ ने बेंगलुरु में दुकानों के नाम बोर्ड पर कन्नड़ भाषा के इस्तेमाल का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि दुकानों के साइनबोर्ड 60% कन्नड़ में लिखे होने चाहिए.

"28 फरवरी तक कन्नड़ भाषा में बदल लें दुकानों के नेमप्लेट वरना...", बेंगलुरु महानगर पालिका का आदेश
बेंगलुरु:

बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (Bengaluru Mahanagara Palike) यानी BBMP के चीफ कमिश्नर तुषार गिरि नाथ ने अगले साल फरवरी के आखिर तक बेंगलुरु में कॉमर्शियल स्टोर्स के 60 प्रतिशत साइनबोर्ड (Bengaluru Signboard Order)कन्नड़ में करने के आदेश दिए हैं. ऐसा नहीं करने पर स्टोर्स के ट्रेड लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे.

अधिकारी कन्नड़ भाषा के मुद्दे को आगे बढ़ाने वाले संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके (KRV) के साथ एक बैठक को संबोधित कर रहे थे. बेंगलुरु में 1400 किमी मुख्य सड़कें और सब-वे हैं. इनके किनारे बनी दुकानों पर ध्यान देने के लिए एक सर्वे किया जाएगा. सर्वे में देखा जाएगा कि किन लोगों ने अपनी दुकानों के साइनबोर्ड पर कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल किया है या नहीं. साइनबोर्ड में 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल नहीं करने वाले दुकान मालिकों को नोटिस भेजा जाएगा. नोटिस जारी करने के बाद उन्हें कन्नड़ भाषा में नेमप्लेट लगाने और संबंधित जोनल कमिश्नर को आदेश का पालन कराने के लिए 28 फरवरी तक का समय दिया जाएगा.

BBMP के आदेश के मुताबिक, चीफ कमिश्नर तुषार गिरि ने कहा कि सभी जोनल कमिश्नर इस आदेश का पालन कराएं. तुषार गिरि ने कहा, "शहर में बड़े मॉल बनाने वाले मालिकों से इसको लेकर परामर्श लेना चाहिए. 15-20 दिनों के भीतर मॉल की सभी दुकानों में नेमप्लेट में कन्नड़ भाषा को अपनाया जाना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इस बैठक में उपायुक्त मंजूनाथ स्वामी, मुख्य अभियंता प्रवीण लिंगया, कर्नाटक रक्षणा वेदिके के राज्य अध्यक्ष नारायण गौड़ा, कन्नड़ संघ के प्रतिनिधि और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

धमकी देने का वीडियो वायरल
नए आदेश के बीच केआरवी के एक समर्थक का दुकानदारों को धमकी देने का वीडियो वायरल होने लगा है. वीडियो में एक संकरी गली में एक प्रमोशन व्हीकर को दिखाया गया है, जिसके दोनों तरफ दुकानें हैं. इसके ऊपर एक महिला हाथ में माइक्रोफोन लेकर मारवाड़ी दुकानदारों को धमका रही है. वह कहती हैं, यह कर्नाटक है. कन्नडिगा इस राज्य का गौरव हैं. आप जाइए और अपने राज्य पर अपना गौरव दिखाइए.

हम सरकार के खिलाफ नहीं जा सकते- दुकानदार
जबकि बेंगलुरु के ज्यादातर दुकानों के साइनबोर्ड कन्नड़ फॉन्ट में थे. कुछ दुकानों के नेमप्लेट हिंदी और अंग्रेजी में थे. इलाके के दुकानदार भाषा के फरमान और धमकियों से घबराए हुए हैं. एक दुकानदार ने कहा, "अगर साइनबोर्ड बदलने का आदेश होगा तो हम ऐसा करेंगे. अगर वे 60 प्रतिशत चाहते हैं तो हम ऐसा करेंगे." एक अन्य ने कहा, "हम जैसा कहा जाएगा वैसा ही करेंगे, हम सरकार के खिलाफ नहीं जा सकते."

सिद्धारमैया कन्नड़ भाषा के व्यापक इस्तेमाल पर देते हैं जोर
बता दें कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान सिद्धारमैया ने कन्नड़ भाषा के व्यापक इस्तेमाल पर जोर दिया था. कन्नड़ को बढ़ावा देने के लिए गठित एक सरकारी निकाय ने तब बैंक अधिकारियों को छह महीने के भीतर कन्नड़ सीखने का अल्टीमेटम दिया था. सिद्धारमैया के पिछले कार्यकाल के दौरान बेंगलुरु मेट्रो स्टेशनों के हिंदी नामों को निशाना बनाया गया था. उन्हें टेप से कवर कर दिया गया था.

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