पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व TMC विधायक माणिक भट्टाचार्य को राहत नहीं मिली है. चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा माणिक की गिरफ्तारी को बरकरार रखा है. माणिक ईडी कस्टडी में ही रहेंगे. माणिक की गिरफ्तारी के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज हो गई है.
माणिक ने कहा था कि ये गिरफ्तारी अवैध है, क्योंकि उन्हें सीबीआई मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण मिला हुआ है . ईडी ने तर्क दिया था कि भट्टाचार्य मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक प्रमुख व्यक्ति है और पूरी साजिश को उजागर करने के लिए उनकी निरंतर हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता थी, क्योंकि इसमें शीर्ष अधिकारी शामिल थे. ईडी ने यह भी कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा था और इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया था. जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में 17 अक्टूबर को SG तुषार मेहता ने ED की तरफ से हलफनामा दाखिल किया था. दरअसल TMC विधायक माणिक भट्टाचार्य ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने माणिक भट्टाचार्य की याचिका पर फैसला सुनाया. माणिक भट्टाचार्य ने अपनी याचिका में निचली अदालत द्वारा ईडी को दी गई कस्टडी को चुनौती दी है. भट्टाचार्य ने अपनी याचिका में कहा है कि ईडी की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेशों का खुलेआम उल्लंघन है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि जांच एजेंसी ने याचिकाकर्ता के परिवार के सदस्यों को उसकी गिरफ्तारी की सूचना भी नहीं दी है, जो कि सीआरपीसी की धारा 41बी के प्रावधानों का उल्लंघन है.
याचिकाकर्ता माणिक भट्टाचार्य ने सुप्रीम से ईसीआईआर के आधार पर शुरू की गई कार्यवाही के संबंध में अपनी गिरफ्तारी और प्रवर्तन निदेशालय कोलकाता द्वारा जारी 14 अक्टूबर, 2022 के समन को अवैध घोषित करने का आग्रह किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि माणिक भट्टाचार्य प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक प्रमुख आरोपी हैं,
ईडी ने बताया कि पीएमएलए के तहत जांच में माणिक भट्टाचार्य की डब्ल्यूबीबीपीई के पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी के पलाशीपारा विधायक द्वारा पैसे के बदले नौकरी की पेशकश को लेकर इस घोटाले में प्रमुख व्यक्ति के रूप में सामने आई है. इसी मामले में सीबीआई की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई थी, लेकिन बाद में ईडी ने माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया था.
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