परंपरागत पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधन से क्या अब जल्द छुटकारा मिल जायेगा? ये सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है, क्योंकि देश में इथेनॉल से चलने वाली पहली कार लॉन्च हो गई है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कार का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया. इस दौरान गडकरी ने नई नवेली कार में ड्राइव का भी मजा लिया. इथेनॉल से चलने वाली कार न सिर्फ किफायती होगी, बल्कि इससे वायु प्रदूषण में कमी आयेगी और किसानों की कमाई भी बढ़ेगी.
फ्लेक्स-फ्यूल हाइब्रिड प्रोजेक्ट के तौर पर पहली कार लॉन्च करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि हम इथेनॉल व्हीकल्स के साथ तैयार हैं. हमें इलेक्ट्रिक, इथेनॉल, मेथनॉल, बायोडीजल और हाइड्रोजन फ्यूल को बढ़ावा देने की जरूरत है. भारत सरकार की कोशिश है कि ऊर्जा के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बने. क्योंकि अभी बड़े पैमाने पर पेट्रोल डीजल का आयात किया जाता है. दूसरे देशों पर निर्भरता की वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. लोगों की जेब पर बोझ बढ़ रहा है.
केंद्र सरकार राहत देने के मकसद से अब इथेनॉल पर जोर दे रही है. इथेनॉल गन्ने से तैयार किया जाता है. क्योंकि भारत में गन्ने का उत्पादन बड़े स्तर पर होता है, यानी सड़कों पर गाड़ियों की संख्या जितनी बढ़ती जाएगी, उसके कई फायदे सीधे तौर पर देखने को मिल सकते हैं. पहला फायदा ये कि महंगे पेट्रोल-डीजल से लोगों को छुटकारा मिल जायेगा. दूसरा फायदा ये है कि दूसरे देशों पर उर्जा के लिए निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. वहीं तीसरा फायदा ये कि वायु प्रदूषण से राहत मिलेगी. साथ ही चौथा फायदा है कि गन्ना किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
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