Coronavirus Outbreak: भारत में बचपन में दी जाने वाली ट्यूबरकुलोसिस (टीबी या तपेदिक) से बचाव की वैक्सीन BCG, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आई है. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण दुनियाभर में अब तक 80 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. एक नई रिपोर्ट में पता चला है कि जिन लोगों को BCG वैक्सीन दी गई है, उनमें मृत्य दर.यह वैैक्सीन न लेने वाले लोगों की तुलना में काफी कम है. वैज्ञानिक अब बीसीजी यानी Bacille Calmette-Guerin का टेस्ट यह देखने के लिए कर रहे हैं कि कोरोना सहित अन्य वायरस संक्रमण के असर को कम करने के लिए इम्यून सिस्टम को बढ़ाने का काम करता है
बीसीजी यानी Bacille Calmette- Guerin का टीका जन्म के तुरंत बाद लगता है. यह ट्यूबरकुलोसिस यानी टीबी से बचाव के लिए होता है. टीबी यानी तपेदिक से बचाव के लिए यह वैक्सीन सबसे पहले वर्ष 1920 के आसपास दुनिया में आया था. चूंकि भारत मे टीबी के केसों की संख्या काफी होती है, ऐसे में देश में 1948 में पहली बार बीसीजी टीके का इस्तेमाल हुआ, 1962 में इसे टीबी प्रोग्राम में शामिल किया गया था. ह्यूस्टन में एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर में प्रोफेसर ऑफ यूरोलॉजिक आंकोलाजी आशीष कामत ने कहा, 'इस बात के कई प्रमाण मिले हैं कि टीबी के खिलाफ यूज की जाने वाली BCG वैक्सीन नवजात शिशुओं ही नहीं बल्कि वैक्सीनेटेड किए गए दूसरे लोगों में भी मृत्यु दर में कमी करता है.'
गौरतलब है कि कोराना वायरस की चुनौती का सामना करने के लिए देश सहित पूरी दुनिया में युद्ध स्तर पर कोशिशें जारी है. भारत में HLL लाइफकेयर लिमिटेड ने कोरोनावायरस की एंटीबॉडी किट बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है. समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से यह जानकारी सामने आई है. बता दें कि कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में यह कामयाबी खासी महत्वपूर्ण है, इस किट को NIV पुणे द्वारा मान्य और अनुमोदित किया जा चुका है साथ ही IMR ने इसके इस्तेमाल की अनुमति भी दे दी है. एएलएल लाइकेयर, केंद्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत संचालित होती है. इस किट की मदद से मरीज के सीरम, प्लाजमा या खून लेकर एंटीबॉटी की पहचान की जा सकती है
राज्य / केंद्रशासित प्रदेश | पुष्ट मामले | ठीक हुए / माइग्रेट हुए | मृत्यु |
---|---|---|---|
अंडमान एवं निकोबार | 10 | 0 | 0 |
आंध्र प्रदेश | 305 | 1 | 4 |
अरुणाचल प्रदेश | 1 | 0 | 0 |
असम | 27 | 0 | 0 |
बिहार | 38 | 0 | 1 |
चंडीगढ़ | 18 | 7 | 0 |
छत्तीसगढ़ | 10 | 9 | 0 |
दिल्ली | 576 | 21 | 9 |
गोवा | 7 | 0 | 0 |
गुजरात | 165 | 25 | 13 |
हरियाणा | 147 | 28 | 3 |
हिमाचल प्रदेश | 18 | 2 | 1 |
जम्मू एवं कश्मीर | 116 | 4 | 2 |
झारखंड | 4 | 0 | 0 |
कर्नाटक | 175 | 25 | 4 |
केरल | 336 | 70 | 2 |
लद्दाख | 14 | 10 | 0 |
मध्य प्रदेश | 229 | 0 | 13 |
महाराष्ट्र | 1,018 | 79 | 64 |
मणिपुर | 2 | 0 | 0 |
मिज़ोरम | 1 | 0 | 0 |
ओडिशा | 42 | 2 | 1 |
पुदुच्चेरी | 5 | 1 | 0 |
पंजाब | 91 | 4 | 7 |
राजस्थान | 328 | 21 | 3 |
तमिलनाडु | 690 | 19 | 7 |
तेलंगाना | 364 | 35 | 7 |
त्रिपुरा | 1 | 0 | 0 |
उत्तराखंड | 31 | 5 | 0 |
उत्तर प्रदेश | 326 | 21 | 3 |
पश्चिम बंगाल | 99 | 13 | 5 |
भारत में कुल मामले | 5,194 # | 402 | 149 |
* यह सूची केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई सूचना के आधार पर 8 अप्रैल, 2020 को 0900 बजे (IST) अपडेट की गई है... सूची में LIVE अपडेट पढ़ने के लिए https://www.mohfw.gov.in/ पर क्लिक करें... | |||
# मामलों का राज्यवार वितरण पुष्टि पर निर्भर करता है... |
मेडिकल साइंस की नजर में बीसीजी का वैक्सीन बैक्टीरिया से मुकाबले के लिए रोग प्रतिरोधक शक्ति देता है, जो शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाकर रोगों से लड़ने में मदद करता हैं. डॉक्टर कामत ने NDTV को बताया कि जिन देशों के पास बीसीजी प्रोटोकॉल था, वहां और जिन देशों के पास यह रक्षा कवच नहीं था, वहां कोरोना वायरस से प्रभावितों की संख्या में करीब 10 गुना अंतर देखा गया. दूसरे शब्दों में कहें जो जिन देशों के लोगों ने बीसीजी वैक्सीन लिया है, उनकी संख्या यह वैक्सीन न लेने वाले लोगों की तुलना में काफी कम थी. गौरतलब है कि अमेरिका, इटली, स्पेन, ईरान इस समय कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. अमेरिका में तो कोरोना वायरस के प्रभावितों की संख्या तीन लाख के पार पहुंच गई है.
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