प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर छिड़ा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स में शुक्रवार को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की योजना थी, हालांकि विश्वविद्यालय में स्क्रीनिंग नहीं हो सकी थी. अब दिल्ली विश्वविद्यालय ने फैकल्टी ऑफ आर्ट्स के बाहर 27 जनवरी को हुए हंगामे की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है. डीयू की प्रॉक्टर रजनी अब्बी की अगुवाई वाली इस समिति से 30 जनवरी को शाम पांच बजे तक कुलपति योगश सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
विश्वविद्यालय ने एक अधिसूचना में कहा कि कुलपति ने परिसर में अनुशासन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह समिति गठित की है.
अधिसूचना के अनसार, वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर अजय कुमार सिंह, संयुक्त प्रॉक्टर प्रोफेसर मनोज कुमार सिंह, सामाजिक कार्य विभाग के प्रोफेसर संजय रॉय, हंसराज कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर रामा, किरोड़ीमल कॉलेज के प्राचार्य दिनेश खट्टर और मुख्य सुरक्षा अधिकारी गजे सिंह समिति के अन्य सदस्य हैं.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘समिति खासकर 27 जनवरी 2023 को विश्वविद्यालय में फैकल्टी ऑफ आर्ट्स के बाहर और प्रवेश द्वार के सामने हुई घटना की जांच करेगी.''
दिल्ली विश्वविद्यालय में शुक्रवार को जब छात्रों ने इस विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की कोशिश की थी, तब हंगामा हुआ था. पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को ऐसा करने से रोका था.
भारतीय राष्ट्र छात्र संघ के 24 छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स से हिरासत में लिया गया था और उत्तरी परिसर में भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.
विश्वविद्यालय ने दावा किया था कि ‘बाहरी' लोग यह डॉक्यूमेंट्री दिखाने की कोशिश कर रहे थे और पुलिस को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुलाया गया था.
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