त्रिपुरा में घुसपैठ के आरोप में कम से कम 23 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. अधिकारियों ने रविवार को बताया कि गिरफ्तार नागरिकों में एक दलाल भी शामिल है. अधिकारियों ने बताया कि राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने शनिवार रात अगरतला रेलवे स्टेशन पर बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया. वे एक ट्रेन से गुवाहाटी जाने की कोशिश में थे, जहां से उनकी दूसरे भारतीय राज्यों में जाने की योजना थी.
बांग्लादेश के राजशाही डिवीजन में चपईनवाबगंज जिले से आए नागरिकों की उम्र 19 से 40 साल के बीच है. उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया. इन बांग्लादेशी नागरिकों ने सुरक्षाकर्मियों को बताया कि वे नौकरी की तलाश में भारत आए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजशाही डिवीजन बांग्लादेश के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है. यह देश के आठ डिवीजनों में से एक है. इसकी त्रिपुरा के साथ कोई सीमा नहीं है, लेकिन हाल के दिनों में इस क्षेत्र के कई नागरिक त्रिपुरा आए हैं.
त्रिपुरा बांग्लादेश के चटगांव और सिलहट डिवीजनों के साथ 856 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि अर्धसैनिक बल बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध प्रवास पर कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. सीमावर्ती क्षेत्रों में सहयोगी एजेंसियों के साथ मिलकर निगरानी बढ़ा दी गई है. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के आदेश के बाद, बीएसएफ ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है. सभी क्षेत्रीय टुकड़ियां सीमावर्ती क्षेत्रों में दलालों के नेटवर्क को सक्रिय रूप से तोड़ रही हैं.
त्रिपुरा फ्रंटियर के महानिरीक्षक पटेल पीयूष पुरुषोत्तम दास ने कहा कि त्रिपुरा के साथ भारत-बांग्लादेश की 856 किलोमीटर लंबी सीमा के 95 प्रतिशत हिस्से पर पहले ही बाड़ लगा दी गई है. शेष 27.5 किलोमीटर में बाड़ लगाने का काम चल रहा है. जीआरपी, बीएसएफ और त्रिपुरा पुलिस ने पिछले ढाई महीने में अगरतला रेलवे स्टेशन और त्रिपुरा के विभिन्न स्थानों से 150 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों और 32 रोहिंग्याओं को भारत में घुसपैठ के बाद गिरफ्तार किया है.
भाषा इनपुट के साथ
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