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बांग्लादेश के नए निजाम ने बाढ़ के लिए भारत पर मढ़ा दोष, मिल गया दो टूक जवाब

बांग्लादेश में आई विनाशकारी बाढ़ को लेकर भारत पर दोष मढ़े जा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि भारत ने त्रिपुरा के बांध को खोल दिया, जिसके कारण बांग्लादेश के निचले हिस्सों में तबाही आई. इस मामले पर अब भारत ने जवाब देते हुए बांग्लादेश के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है.

बांग्लादेश के नए निजाम ने बाढ़ के लिए भारत पर मढ़ा दोष, मिल गया दो टूक जवाब
भारत के त्रिपुरा में भी बाढ़ से बुरे हालात
नई दिल्ली:

बांग्लादेश हाल ही में राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसा की वजह से काफी चर्चा में रहा. अब जब वहां शांति बहाली की कोशिशें हो रही है और जिंदगी फिर से पटरी पर लौट रही है. इस बीच बांग्लादेश पर विनाशकारी बाढ़ की मार पड़ गई. लेकिन हैरानी की बात ये है कि बांग्लादेश में आई बाढ़ के लिए भारत पर दोष मढ़ा जा रहा है. दरअसल मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी सरकार ने दावा किया है कि भारत की वजह से उनके देश में बाढ़ आई है. बांग्लादेश के इस दावे पर भारत का जवाब आया है. भारत ने बांग्लादेश में प्रकाशित उन खबरों को तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत बताया, जिसमें दावा किया गया है कि देश के कुछ हिस्सों में मौजूदा बाढ़ की स्थिति त्रिपुरा में गुमती नदी पर बने बांध के फाटक खोलने के कारण उत्पन्न हुई है.

गलत खबरों पर भारत की चेतावनी

भारतीय सरकार के सूत्रों ने अंतरिम सरकार को “गलत” खबरों के किसी भी आधिकारिक समर्थन के खिलाफ भी चेतावनी भी दी है. यह चेतावनी बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के सलाहकारों में से एक मोहम्मद नाहिद इस्लाम के आरोपों के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत का "असहयोग" बाढ़ का कारण रहा है. नाहिद इस्लाम ने कहा, "बिना किसी पूर्व चेतावनी और बिना हमें तैयारी के लिए समय दिए, बांध खोल दिया गया. इसके ज़रिए भारत ने अमानवीय दृष्टिकोण दिखाया है और बांग्लादेश के साथ असहयोग का प्रदर्शन कर रहा है." ढाका में अफ़वाहें उड़ीं कि मोहम्मद यूनुस ने भारतीय राजदूत प्रणय वर्मा को तलब किया है. हालांकि, दिल्ली के सूत्रों ने कहा कि प्रणय वर्मा द्वारा कॉल के लिए अनुरोध कई दिन पहले और बाढ़ से संबंधित घटनाओं से पहले दर्ज किया गया था.

बांग्लादेश के दावे पर भारत का जवाब

इस बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझा नदियों में आने वाली बाढ़ एक ‘साझा' समस्या है, जिससे दोनों पक्षों के लोगों को परेशानी होती है तथा इसके समाधान के लिए घनिष्ठ आपसी सहयोग की जरूरत है.

भारत ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में बाढ़ त्रिपुरा में गुमती नदी के ऊपरी हिस्से में स्थित डंबूर बांध के फाटक खोलने के कारण उत्पन्न हुई है. असल में ये बात तथ्यात्मक रूप से बिल्कुल सही नहीं है.''

बांग्लादेश में क्यों आई बाढ़, जानें

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम यह बताना चाहेंगे कि भारत और बांग्लादेश से होकर बहने वाली गुमती नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों में इस वर्ष की सबसे भारी बारिश हुई है.'' विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में बाढ़ मुख्य रूप से बांध के नीचे की ओर इन बड़े जलग्रहण क्षेत्रों के पानी के कारण आयी है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डंबूर बांध (बांग्लादेश की) सीमा से 120 किलोमीटर से अधिक दूर स्थित है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में बाढ़ मुख्य रूप से बांध के नीचे की ओर इन बड़े जलग्रहण क्षेत्रों के पानी के कारण आयी है.

त्रिपुरा, बांग्लादेश के आसपास भारी बारिश 

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह कम ऊंचाई (करीब 30 मीटर) का बांध है, जो बिजली पैदा करता है और वह बिजली ग्रिड में जाती है जिससे बंग्लादेश को भी त्रिपुरा से 40 मेगावाट बिजली मिलती है.''मंत्रालय ने कहा, ‘‘करीब 120 किलोमीटर लंबे नदी के रास्ते में अमरपुर, सोनामुरा और सोनामुरा 2 में तीन जल-स्तर निगरानी स्थल हैं.'' पूरे त्रिपुरा और बांग्लादेश के आसपास के जिलों में 21 अगस्त से भारी बारिश जारी है.

त्रिपुरा में भी बाढ़ से बुरे हालात

भारी बारिश के कारण त्रिपुरा में भारी बाढ़ आई है, जिससे 1956 के बाद सबसे खराब हालत बन गए है. यहां तक राज्य की राजधानी अगरतला का 80% से अधिक हिस्सा जलमग्न हो गया है. बुधवार को 233 मिमी बारिश होने के बाद शहर में स्थिति और खराब हो गई, जिसे हाओरा नदी के उफान पर होने के कारण पंप नहीं किया जा सका. आपदा प्रबंधन और राहत मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारी बारिश और ऊपर से पानी के बहाव के कारण बांग्लादेश के आठ जिले बाढ़ में डूब गए हैं. ये आठ जिले सुनामगंज, मौलवीबाजार, हबीगंज, फेनी, चट्टोग्राम, नोआखली, कोमिला और खगराचारी हैं.

भारी बारिश के कारण त्रिपुरा में जबरदस्त बाढ़ आई है, जिससे 1956 के बाद सबसे खराब हालत बन गए. यहां तक राज्य की राजधानी अगरतला का 80% से अधिक हिस्सा जलमग्न हो गया है.

बाढ़ की वजह से बिजली भी गुल

विदेश मंत्रालय ने कहा कि अधिक प्रवाह होने पर पानी स्वत: तरीके से छोड़ा जाता है. उसने कहा कि अमरपुर स्टेशन द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का हिस्सा है, जिसके तहत बांग्लादेश को भारत की ओर से वास्तविक समय में बाढ़ के आंकड़े भेजे जाते हैं. उसने कहा, ‘‘21 अगस्त को तीन बजे तक बांग्लादेश को बाढ़ के बढ़ते रुझान को दर्शाने वाले आंकड़े भेजे गए. शाम 6 बजे बाढ़ के कारण बिजली गुल हो गई, जिससे संचार में समस्या आई.''

भारी बारिश और ऊपर से पानी के बहाव के कारण बांग्लादेश के 8 जिले बाढ़ में डूब गए हैं. ये जिले सुनामगंज, मौलवीबाजार, हबीगंज, फेनी, चट्टोग्राम, नोआखली, कोमिला और खगराचारी हैं.

मंत्रालय ने कहा, ‘‘फिर भी, हमने डेटा के तत्काल प्रसारण के लिए बनाए गए अन्य माध्यमों से संचार बनाए रखने की कोशिश की है.'' विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश 54 आम सीमा पार नदियों को साझा करते हैं और नदी-जल सहयोग द्विपक्षीय जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. उसने कहा, ‘‘हम द्विपक्षीय परामर्श और तकनीकी चर्चाओं के माध्यम से जल संसाधनों और नदी जल प्रबंधन में मुद्दों और आपसी चिंताओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.''

(भाषा इनपुट्स के साथ)

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