
ऑपरेशन जल राहत- II जारी है. इन दिनों अचानक आई मणिपुर और त्रिपुरा में बाढ़ संकट के समय असम राइफल्स द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. मणिपुर और त्रिपुरा में वर्तमान बाढ़ संकट से बचाव के लिए सेना मुख्यालय ईस्टर्न कमान के अधीन असम राइफल्स द्वारा अपने ऑपरेशन जल राहत-II के अंतर्गत निरंतर मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) आदि अभियानों को अत्यधिक प्रभावी ढंग से संचालित किया जा रहा है.

इंस्पेक्टर जनरल, असम राइफल्स (दक्षिण) और इंस्पेक्टर जनरल, असम राइफल्स (पूर्व) द्वारा कुल 10 कॉलम सक्रिय रूप से तैनात किए गए हैं, जो बचाव, राहत और चिकित्सा सहायता से जुड़ी आवश्यक कार्यवाई करते हुए बेहद तत्परता के साथ अपने दायित्व का निर्वाह कर रही है. इसके अतिरिक्त, हाफलोंग में एक कॉलम त्वरित तैनाती के लिए विकल्प के तौर पर रखा गया है. IGAR (दक्षिण) द्वारा पोरामपट, JNIMS, वंखाई और वांगखई में आठ कॉलम तैनात किए गए हैं, जिन्होंने अब तक 2,629 नागरिकों को सुरक्षित निकाला है. साथ ही साथ लगभग 250 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता का प्रावधान किया है. इसके अतिरिक्त पर्याप्त मात्रा में खाद्य एवं पेयजल का वितरण भी किया गया है.

वहीं, IGAR (पूर्व) ने चंद्रपुर, रेशम बागान, भूटानखाल और कमरांगा क्षेत्रों में दो कॉलम तैनात किए हैं, जिनके माध्यम से 200 नागरिकों को बचाया गया और उन्हें तात्कालिक चिकित्सा एवं उनके लिए आवश्यक खाद्य आपूर्ति प्रदान की गई. असम राइफल्स की यह सुनियोजित, समयबद्ध और त्वरित कार्रवाई "फ्रेंड्स ऑफ द नॉर्थ ईस्ट" अर्थात उत्तर-पूर्व का मित्र' के उनके आदर्श वाक्य को सार्थक बनाती है. कहना न होगा कि संकट की घड़ी में नागरिक प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने की उनकी स्थायी प्रतिबद्धता को बड़ी कुशलता के साथ दर्शाती एवं रेखांकित करती है.
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