नई दिल्ली:
बेंगलुरु में आईएमडी के येलो अलर्ट को देखते हुए बुधवार, 23 अक्टूबर को बेंगलुरु शहरी जिला प्रशासन ने एहतियाती उपाय और छात्रों के हित में स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए छुट्टी घोषित कर दी है. रिपोर्ट्स की मानें तो प्राइवेट कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है. एडवाइजरी में कर्नाटक सरकार ने कहा है कि यह आईटी और बीटी या अन्य प्राइवेट कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों की भलाई के लिए घर से काम करने की सलाह दी जा रही है. हालांकि, कॉलेज और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स इस दौरान खुले रहेंगे.
यहां देखें बेंगलुरु बारिश पर 10 अपडेट्स
बुधवार को आईएमडी ने बेंगलुरु में भारी बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया है.
- शहर में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है. भारी बारिश की वजह से सड़कें नदियों में बदल गई हैं और शहर के कई रिहायशी इलाकों में बाढ़ आने की भी खबरे हैं.
- मंगलवार को रातभर हुई बारिश ने पिछले कुछ दशकों में 24 घंटों में हुई सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
- वहीं, बेंगलुरू में बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है. तीन मजदूरों की मौत भारी बारिश के बाद एक इमारत ढहने से हो गई, जबकि दो बच्चे केंगेरी झील में डूब गए.
- बारिश के बाद गिरी इमारत पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में 15 लोगों को बाहर निकाल लिया गया लेकिन 3 लोग अभी भी नहीं मिल पाए हैं.
- बेंगलुरु शहर के डिप्टी कमिश्नर जगदीश ने बुधवार को स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है. हालांकि, उन्होंने एक बयान में कहा कि शहर के सभी कॉलेज और आईटीआई सामान्य रूप से काम करेंगे, लेकिन दुर्घटनाओं से बचने के लिए कमज़ोर इमारतों का उपयोग न करने की सामान्य हिदायत दी गई है.
- डिप्टी कमिश्नर ने माता-पिता और कॉलेज मैनेजमेंट से भी अनुरोध किया है कि वो इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे उन जगहों पर न जाएं जहां पानी भरा हुआ है और साथ ही साथ ही उन्होंने कॉलेज अथोरिटी से कहा है कि वो छात्रों को इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए छात्रों को जानकारी दी जाए.
- स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि पिछले हफ्ते 241 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस अवधि की सामान्य बारिश से दोगुनी से भी अधिक है.
- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की पांच टीमों को मंगलवार को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया था, जिसमें सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक येलाहांका भी शामिल है.
- राज्य के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा: "हम प्रकृति को रोक नहीं सकते लेकिन हम वहां हैं. मैं पूरी टीम से जानकारी भी जुटा रहा हूं." उन्होंने कहा कि दक्षिण, पश्चिम और महादेवपुरा जोन में अधिक समस्याएं हैं.
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