तकरीबन 30 साल का राजेश कार्वी अपने ही बुने जाल में फंसकर जेल पहुंच गया। दरअसल, जिस स्कूल में उसका चार साल का बेटा पढ़ता था, इसके प्रिंसिपल को फोनकर राजेश ने कहा कि स्कूल के एक कर्मचारी ने उसके बेटे के साथ स्कूल में ही बदसलूकी की है।
इसकी सूचना प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन ने न तो उसे दी, न ही पुलिस को, जो कि बच्चों की हिफाजत के लिए बनाए गए विशेष POCSO एक्ट का उलंघन है, ऐसे में वह उन दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने जा रहा है।
चूंकि हाल में बेंगलुरु के कई प्रिंसिपल और प्रबंधन के लोगों को बच्चियों के साथ स्कूल के अंदर बदसलूकी के मामले में जेल भेज गया है, ऐसे में इस स्कूल के प्रिंसिपल भी पहले सहम गए।
स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य नंदकुमार के मुताबिक, जब इसकी जांच स्कूल ने की तो आरोप गलत पाया गया, लेकिन राजेश अपनी बात पर अड़ा रहा हालांकि बाद में उसने मामले को रफा-दफा करने के लिए 2 लाख रुपये की मांग की। स्कूल के प्रिंसिपल ने फ़ौरन इसकी जानकारी पुलिस को दी।
बेंगलुरु पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त कानून व्यवस्था अलोक कुमार के मुताबिक़, पुलिस के निर्देश पर मामला डेढ़ लाख में तय हुआ। सीसीटीवी कैमरे की मौजूदगी से बेखबर राजेश ने तयशुदा रकम सावधानी से गिनकर ली, लेकिन जैसे ही रुपये लेकर वह अपनी मोटरसाइकिल पर बैठा, वहां सादी वर्दी में मौजूद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
राजेश को फिरौती वसूलने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और अब पुलिस ऐसे ही एक दूसरे मामले की तफ्तीश में जुटी है, जिसमें एक पिता ने एक स्कूल की महिला शिक्षक पर अपनी बेटी के साथ बदसलूकी का आरोप लगाया है।
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