प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
तीन अलग-अलग प्रयोगशालाओं से परीक्षण के सकारात्मक नतीजे आने के बाद गुजरात और कर्नाटक में मैगी से बैन हटा लिया गया है। मैगी के चाहनेवालों के लिए ये किसी ब्रेकिंग न्यूज से कम नहीं है।
गुजरात के खाद्य एवं दवा नियंत्रण प्राधिकरण (एफडीसीए) के आयुक्त एच.जी. कोशिया ने कहा, ‘एफडीसीए ने अगस्त में गुजरात में मैगी से प्रतिबंध हटाया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने देशभर में इसकी बिक्री पर लगी रोक हटाई थी जिसके बाद उसने यह फैसला लिया।’ गुजरात सरकार ने जून में मैगी पर रोक लगाई थी। हालांकि, अदालत के आदेश के बाद गुजरात एफडीसीए ने अगस्त में इस पर से प्रतिबंध हटा दिया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गत 13 अगस्त को मैगी नूडल्स से प्रतिबंध हटाते हुए इसकी विनिर्माता नेस्ले इंडिया को देश में तीन स्वतंत्र प्रयोगशालाओं में इसका नए सिरे से परीक्षण कराने का निर्देश दिया था। हालांकि, अभी भी गुजरात के बाजारों में मैगी उपलब्ध नहीं है।
राज्य सरकार ने जून के पहले हफ्ते में मैगी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। उस समय सरकार ने दावा किया था कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से लिए गए मैगी के सभी 27 नमूने परीक्षण में विफल रहे। 14 नमूनों में सीसे की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई। वहीं सभी नमूनों में मोनोसोडियम ग्लूटामेट पाया गया। जबकि इसमें यह होना ही नहीं चाहिए।
उधर, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भी राज्य में मैगी नूडल्स के निर्माण और बिक्री की अनुमति दे दी है। राज्य सरकार ने केंद्र के मैगी पर प्रतिबंध के आदेश को हटाने का फैसला करते हुए कहा है कि इसमें स्पष्टता का अभाव है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री यूटी खादर ने संवाददाताओं से कहा कि मैगी में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) और सीसे की मात्रा की अनुमति योग्य सीमा पर स्पष्टता के अभाव में राज्य सरकार ने इसकी बिक्री की अनुमति देने का फैसला किया है। मंत्री ने कहा कि अब कंपनी को मैगी नूडल्स और अन्य उत्पादों के उत्पादन पर फैसला करना है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों नेस्ले इंडिया ने जानकारी दी थी कि बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच के लिए तीन विनिर्दिष्ट प्रयोगशालाओं में भेजे गए मैगी ब्रांड इंस्टेंट नूडल्स के सभी नमूने सही निकले। इन परीक्षणों में खरा उतरने के बाद अब मैगी की एक बार फिर से बाजार में वापसी रास्ता खुल गया है।
मैगी में सीसे की मात्रा कानून के तहत तय सीमा से अधिक पाए जाने के बाद देशभर में इस पर प्रतिबंध लगाया दिया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मैगी के नमनों का नए सिरे से परीक्षण का निर्देश दिया था। कंपनी ने यह भी कहा कि अब वह नए उत्पादों का विनिर्माण और बिक्री तभी शुरू करेगी, जब उनको अधिकृत प्रयोगशालाओं की हरी झंडी मिल जाएगी।
नेस्ले इंडिया ने बयान में कहा था, ‘हमें बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद तीनों बतायी गयी प्रयोगशालाओं में किए गए परीक्षण के नतीजे मिल गए हैं। तीनों प्रयोगशालाओं ने छह प्रकार के उत्पादों के सभी 90 नमूनों को उपयुक्त करार दिया है। इन सभी नमूनों में सीसे की मात्रा अनुमति योग्य सीमा के अंदर पायी गयी है।’ कंपनी ने पूर्व में कहा था कि उसकी योजना मैगी को इस साल के अंत तक बाजार में लाने की है। अब उसने कहा है कि वह मैगी नूडल्स को जल्द से जल्द बाजार में पेश करना चाहती है।
(इनपुट एजेंसी से)
गुजरात के खाद्य एवं दवा नियंत्रण प्राधिकरण (एफडीसीए) के आयुक्त एच.जी. कोशिया ने कहा, ‘एफडीसीए ने अगस्त में गुजरात में मैगी से प्रतिबंध हटाया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने देशभर में इसकी बिक्री पर लगी रोक हटाई थी जिसके बाद उसने यह फैसला लिया।’ गुजरात सरकार ने जून में मैगी पर रोक लगाई थी। हालांकि, अदालत के आदेश के बाद गुजरात एफडीसीए ने अगस्त में इस पर से प्रतिबंध हटा दिया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गत 13 अगस्त को मैगी नूडल्स से प्रतिबंध हटाते हुए इसकी विनिर्माता नेस्ले इंडिया को देश में तीन स्वतंत्र प्रयोगशालाओं में इसका नए सिरे से परीक्षण कराने का निर्देश दिया था। हालांकि, अभी भी गुजरात के बाजारों में मैगी उपलब्ध नहीं है।
राज्य सरकार ने जून के पहले हफ्ते में मैगी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। उस समय सरकार ने दावा किया था कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से लिए गए मैगी के सभी 27 नमूने परीक्षण में विफल रहे। 14 नमूनों में सीसे की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई। वहीं सभी नमूनों में मोनोसोडियम ग्लूटामेट पाया गया। जबकि इसमें यह होना ही नहीं चाहिए।
उधर, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भी राज्य में मैगी नूडल्स के निर्माण और बिक्री की अनुमति दे दी है। राज्य सरकार ने केंद्र के मैगी पर प्रतिबंध के आदेश को हटाने का फैसला करते हुए कहा है कि इसमें स्पष्टता का अभाव है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री यूटी खादर ने संवाददाताओं से कहा कि मैगी में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) और सीसे की मात्रा की अनुमति योग्य सीमा पर स्पष्टता के अभाव में राज्य सरकार ने इसकी बिक्री की अनुमति देने का फैसला किया है। मंत्री ने कहा कि अब कंपनी को मैगी नूडल्स और अन्य उत्पादों के उत्पादन पर फैसला करना है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों नेस्ले इंडिया ने जानकारी दी थी कि बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच के लिए तीन विनिर्दिष्ट प्रयोगशालाओं में भेजे गए मैगी ब्रांड इंस्टेंट नूडल्स के सभी नमूने सही निकले। इन परीक्षणों में खरा उतरने के बाद अब मैगी की एक बार फिर से बाजार में वापसी रास्ता खुल गया है।
मैगी में सीसे की मात्रा कानून के तहत तय सीमा से अधिक पाए जाने के बाद देशभर में इस पर प्रतिबंध लगाया दिया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मैगी के नमनों का नए सिरे से परीक्षण का निर्देश दिया था। कंपनी ने यह भी कहा कि अब वह नए उत्पादों का विनिर्माण और बिक्री तभी शुरू करेगी, जब उनको अधिकृत प्रयोगशालाओं की हरी झंडी मिल जाएगी।
नेस्ले इंडिया ने बयान में कहा था, ‘हमें बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद तीनों बतायी गयी प्रयोगशालाओं में किए गए परीक्षण के नतीजे मिल गए हैं। तीनों प्रयोगशालाओं ने छह प्रकार के उत्पादों के सभी 90 नमूनों को उपयुक्त करार दिया है। इन सभी नमूनों में सीसे की मात्रा अनुमति योग्य सीमा के अंदर पायी गयी है।’ कंपनी ने पूर्व में कहा था कि उसकी योजना मैगी को इस साल के अंत तक बाजार में लाने की है। अब उसने कहा है कि वह मैगी नूडल्स को जल्द से जल्द बाजार में पेश करना चाहती है।
(इनपुट एजेंसी से)
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