
भारत के साथ अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान को अपने ही देश में लगातार चुनौती मिल रही है. बलूच लड़ाकों ने शुक्रवार को सेना के एक काफिले को निशाना बनाया है. यह हमला एक रिमोट-कंट्रोल आईईडी के जरिए किया गया, जिससे सेना का एक वाहन पूरी तरह नष्ट हो गया. इस हमले में पाकिस्तानी सेना के 10 जवानों को मार गिराने का दावा किया है.
बीएलए ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बयान जारी किया है. संगठन के प्रवक्ता जीयंद बलोच ने कहा, "यह हमला पाकिस्तान की काबिज सेना के खिलाफ हमारे जारी संघर्ष का हिस्सा है."
... तब तक जारी रहेंगे ऑपरेशन: बीएलए
हमले में मारे गए सैनिकों में सूबेदार शहजाद अमीन, नायब सूबेदार अब्बास, सिपाही खलील, सिपाही जाहिद, सिपाही खुर्रम सलीम सहित अन्य जवान शामिल हैं.
बीएलए ने अपने बयान में कहा, "हमारे ऑपरेशन तब तक जारी रहेंगे जब तक बलूच भूमि पर कब्जा करने वाली सेना का पूरी तरह खात्मा नहीं हो जाता."
बलूचिस्तान में हुई थी 5 सैनिकोंं की मौत
इससे पहले बीएलए ने 16 मार्च को बलूचिस्तान प्रांत में सेना के काफिले पर हमला किया था, जिसमें पांच सैनिकों को मार गिराया था और 12 अन्य घायल हुए थे.
यह हमला पाकिस्तानी सेना के फ्रंटियर कोर (एफसी) के काफिले पर नोशाकी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर किया गया था. बताया गया था कि एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरे वाहन को सेना के काफिले से टकरा दिया, जिससे जबरदस्त विस्फोट हो गया.
जाफर एक्सप्रेस का कर लिया था अपहरण
वहीं, इससे पहले बीएलए ने बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण कर लिया था. बीएलए ने 20 सुरक्षाकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. चौबीस घंटे से ज्यादा चले ऑपरेशन में करीब 350 लोगों को मुक्त कराया गया था.
उल्लेखनीय है कि बीएलए के सदस्य अक्सर बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाते रहते हैं और पिछले कुछ दिनों में हमलों में इजाफा हुआ है. कहा जाता है कि बीएलए स्वतंत्र बलूच राष्ट्र की मांग को लेकर लगातार पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को निशाना बनाते रहते हैं.
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