उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में गुरुवार को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के चयन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में तीन उप निरीक्षक सहित नौ पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. जबकि इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस पर आरोप है कि उसने मौके पर आरोपी को पकड़ने के बाद छोड़ दिया है. इधर बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का कहना है कि आरोपी उसका सहयोगी है और उसने आत्मरक्षा में गोली चलाया था. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं विधायक रहूं या नहीं रहूं स्वाभिमान और संस्कृति की रक्षा जरूर करूंगा.
मृतक के भाई तेज बहादुर पाल का कहना है कि उधर से डब्लू सिंह उर्फ धीरेंद्र प्रताप सिंह के आदमी ने पहले पत्थर और डंडे चलाना शुरू कर दिया जिसके जवाब में इधर से भी झगड़ा हुआ. उधर से तीन आदमी फायरिंग कर रहे थे जिन्हें मैं नहीं पहचानता था. अजय सिंह भी गोली चला रहे थे. वहीं लोगों का कहना है कि धीरेंद्र सिंह ने जय प्रकाश पाल की हत्या की है. पुलिस ने मौके पर धीरेंद्र सिंह को पकड़ भी लिया था लेकिन उसे छोड़ दिया गया. लोगों का कहना है कि पुलिस ने कुछ दूर ले जाकर उन्हें छोड़ दिया.
बलिया मर्डर: मुख्य आरोपी के बचाव में नजर आए BJP MLA, कहा- 'अगर आत्मरक्षा में गोली नहीं चलाता तो...'
दूसरी तरफ बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने रेवती कांड की पुलिसिया जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए इसकी सीबआई सीआईडी से जांच कराने की मांग की है . उन्होंने शुक्रवार को यहां कहा कि रेवती कांड के मामले में पुलिस एक पक्षीय कार्रवाई कर रही है . इस मामले पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है .
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, '' बलिया में सत्ताधारी भाजपा के एक नेता के एसडीएम और सीओ के सामने खुलेआम एक युवक की हत्या कर फरार हो जाने से उप्र में कानून व्यवस्था का सच सामने आ गया है . अब देखे क्या एनकाउंटर वाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी भी पलटाती है या नही .
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