- हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद मुर्शिदाबाद में बनाने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बाद किया था
- बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए दो करोड़ से अधिक रुपये जमा किए गए हैं और 25 बीघा जमीन मिल चुकी है
- हुमायूं कबीर का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस में तोलाबाजी होती है और ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी से निकाला है
Humayun Kabir Exclusive: 'बाबरी मस्जिद बनाने का फैसला मैंने 1992 ने लिया था, जब उसे तोड़ा गया था, लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में राम मंदिर को जगह दे दी और बाबरी मस्जिद को नहीं दी, तब मैंने दृढ़ निश्चय कर लिया. अब बाबरी मस्जिद मुर्शिदाबाद में ही बनेगा. '
ये बातें हुमायूं कबीर ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो योगा पर बात करते हैं और योगा को करने के लिए कहते हैं, उसको मैं बहुत ध्यान से सुनता हूं और मैं करता भी हूं. मुझे योगा बहुत ज्यादा पसंद है और मैं बाबा रामदेव का फैन हूं. मैं उनकी ताकत को सलाम करता हूं. मैं बाबा से मिला नहीं हूं कभी, लेकिन अगर मुझे मौका मिलेगा तो मैं उनसे जरूर मिलना चाहता हूं. एक बार मुर्शिदाबाद भी वो आए थे, पर मेरी मुलाकात नहीं हो पाई थी उनसे, मुझे इस बात का अफसोस है. पढ़िए NDTV के सवाल और Humayun Kabir के जवाब--

सवाल-आपको बीजेपी की बी टीम कहते हैं !!
हुमायूं कबीरः किसी के बोलने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है और किसी के बोलने से मैं किसी की टीम नहीं बन जाता हूं. मैं अपना काम करूंगा. BJP अपना काम करेगी. तृणमूल कांग्रेस अपना काम करेगी और AIMIM अपना काम करेगी.
सवाल-बाबरी के लिए कहां रखा है पैसा
हुमायूं कबीरः एक कमरे को हमने स्टोर में बदल लिया है और इसमें हम अलग-अलग जगह से आने वाले करोड़ रुपये की धनराशि रख रहे हैं. अभी तक 2,00,00,000 से ज्यादा रुपये आ चुके हैं मस्जिद को बनाने के लिए. वो सब यहां पर घर में इस कमरे में लॉक करके रखे गए हैं और 25 बीघा जमीन भी मिल चुकी है. अब सिर्फ कागजी कार्रवाई हो रही है और उसी पर हम बाबरी मस्जिद बनाएंगे.
सवाल-रोज कितने फोन कॉल आते हैं
हुमायूं कबीरः मेरे पास एक दिन में हजारों फोन आते हैं. दोनों फोन लगातार दिन भर बजते रहते हैं. अब 20 फीसदी फोन भी नहीं उठा पाता हूं, पर लोग समझते हैं कि ये समस्या है और मेरे लिए भी मुश्किल है. मैं कैसे इतने सारे फोन कॉल उठाऊंगा, लेकिन मैं इस प्यार से गदगद हूं. मैं बहुत ही सामान्य आदमी के तौर पर जीता हूं. मैंने पार्टी जरूर बदली है बार-बार, लेकिन मेरी जिंदगी में मेरे काम करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं आया.
ममता पर तीखा वार

हुमायूं कबीर ने कहा कि मैंने ममता बनर्जी का साथ नहीं छोड़ा. ममता बनर्जी ने मुझे पार्टी से निकाला है. पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निकाला है.
पार्टी के खुद के लोग पार्टी को बदनाम करते हैं और मेरे नाम पर कुछ बोल देते हैं.
ममता बदल गईं हैं - दीदी अब पहले जैसी नहीं हैं
हुमायूं कबीर ने कहा कि दीदी जो पहले थीं और आज की ममता बनर्जी में बहुत अंतर है. आज की ममता बनर्जी जनता से दूर हो गईं हैं. वो पहले सब की सुनती थीं. सबकी खोज लेती थीं.
ममता से क्यों नहीं बनी बात ?
हुमायूं कबीरः मेरे साथ मेरे जिले के नेताओं की बहस हुई, लेकिन ममता बनर्जी ने मेरी नहीं सुनी.
कौन चला रहा है तृणमूल कांग्रेस ?
हुमायूं कबीरः आज के दिन में तृणमूल कांग्रेस को प्रतीक जैन चला रहे हैं, जोकि IPAC के मुखिया हैं. पहले प्रशांत किशोर चलाते थे. अब वह प्रतीक जैन चलाते हैं और उनकी बात सुन कर फैसले लिए जाते हैं. किसको पार्टी में रखा जाएगा और किसी को निकाला जाएगा.
तृणमूल पर तोलाबाजी का आरोप
हुमायूं कबीर ने कहा ये बात सच है कि तृणमूल कांग्रेस में तोलाबाजी होती है. जो लोग तोलाबाजू करते हैं, उन पर ज्यादा ध्यान दिया जाता था और इसलिए मेरी लड़ाई होती थी बार-बार. पुलिस तो पैसा लेकर काम करती है. पुलिस को पैसा दे दो, वो काम कर देगी. मैं विधायक हूं. मेरी भी बात नहीं सुनती थी पुलिस. मैंने पार्टी में कई बार बोला है. कई बार बात सुनी जाती थी. कभी-कभी अधिकारी का ट्रांसफर भी हो जाता था, लेकिन उसके बाद फिर वही हाल.
आपके पास कहां से आता है पैसा
हुमायूं कबीर ने बताया कि उनका मछली का लाखों रुपये का व्यापार है. एक दिन मे लाख रुपये की मछली बेच लेते हैं. 200 बिगहे मछली की खेती है.
मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया

हुमायूं कबीर ने कहा कि तृणमूल में मुसलमानों को इंसाफ नहीं मिला. मुसलमान के लिए तृणमूल कांग्रेस ने कुछ नहीं किया. फिर चाहे वो फिरहाग हकीम हों या सिद्दिकुल्ला चौधरी, तजीनुल हक हों या साजिदा अहमद या फिर बाकी सारे मुसलमान नेता. किसी को कुछ नहीं दिया है. ये सारे मुस्लिम नेता ममता बनर्जी के कैबिनेट में हैं, लेकिन मुसलमानों के लिए कोई बड़ा काम नहीं किया है.
बीजेपी क्या मुस्लिम विरोधी
हुमायूं कबीर ने कहा कि BJP तो इसलिए बोलती है, क्योंकि उनके एजेंडा पर है कि मुसलमान के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा बोला जाए. इसे हिंदुओं का तुष्टीकरण होता रहेगा और इसलिए वह बोलते हैं.
जीत का पूरा भरोसा है
हुमायूं कबीर ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में हम 135 सीटों पर लड़ेंगे और सौ से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेंगे. हो सकता है कि हम सौ से ऊपर जीत हासिल करके किंगमेकर बन जाएं.
पार्टी के लिए पैसा कहां से आ रहा है ?
हुमायूं कबीर ने कहा कि जो चुनाव लड़ना चाहते हैं और जीतना चाहते हैं वह खुद पैसा खर्च कर रहे हैं. मुसलमान के पास बहुत पैसा है. मेरी पार्टी में जो भी मुसलमान शामिल हो रहे हैं या हिन्दू भी शामिल होंगे, उनके पास मर्यादा भी होगी और उनको पैसे भी देंगे.
ओवैसी को बंगाली मुसलमान नहीं पसंद करते हैं
हुमायूं कबीर ने कहा कि ओवैसी बहुत अच्छे इंसान हैं. बैरिस्टर बहुत अच्छे हैं, लेकिन बंगाल में उनकी छवि अच्छी नहीं है. बंगाल में उन्हें सर्विस देनी चाहिए या जो काम करना चाहिए, वो अच्छा नहीं है. वो हैदराबाद के नेता हो सकते हैं, लेकिन वह बंगाली मुसलमान के नेता नहीं हैं. ओवैसी की पार्टी को, वाम मोर्चा को या बाकी सबको हम बोल चुके हैं कि आप सब हमारे साथ शामिल होइए और इसमें कोई दिक्कत नहीं है. जो हमारे साथ आएंगे, वो हमारी ताकत बढ़ाएंगे और हम उनकी ताक़त बढ़ाएंगे.
असली दुश्मन कौन है

हुमायूं कबीर ने कहा कि हम BJP के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ भी चुनाव लड़ेंगे. आज के दिन में तृणमूल कांग्रेस मेरी सबसे बड़ी दुश्मन है और उसको सत्ता में हटाने के लिए मैं कुछ भी करूंगा कोई भी कदम उठाऊंगा. हुमायूं कबीर ने कहा कि मोदी जी, जिस उम्र में इतना काम करते हैं, वो मुझे बहुत पसंद है. मेरे पसंदीदा नेताओं में इंदिरा गांधी थीं. इसके बाद राजीव गांधी, लेकिन वर्तमान में मुझे प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत पसंद हैं. मुझे अल्लाह के ऊपर पूरा भरोसा है. मुझे किसी तरह का कोई डर नहीं है. एक दिन तो मरना ही है.
प्रधानमंत्री मोदी सबके हैं
हुमायूं कबीर ने बताया कि राज्य सरकार ने 1700 करोड़ रुपया खर्च करके सागर मेला जाने के लिए इतनी सारी तैयारियां कर ली हैं, लेकिन यहां पर हमारे लिए भगति नदी पार करने के लिए कोई पुल नहीं बनाया गया है. अब तो प्रधानमंत्री से अपील करूंगा कि यहां पर एक पुल बना दीजिए. हमने केंद्र सरकार को पहले भी बोला है कि मात्र 200 करोड़ में यहां पर एक पुल बन जाएगा. अगर वो उसकी अनुमति दे दें तो यहां के लोगों की परेशानियां खत्म हो जाएंगी. मैं भारतीय जनता पार्टी के कोई करीब नहीं जा रहा हूं, लेकिन मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पसंद हैं और वो 140 करोड़ आबादी के प्रधानमंत्री है और बाकी सबके भी हैं.
मुझे अपनी जीत का भरोसा है. जो जन समर्थन आ रहा है, आप देखिएगा कि सौ से ऊपर सीटें हम जीत कर दिखाएंगे. हम निर्णायक शक्ति होंगे और हम फैसला लेंगे कि कौन कुर्सी पर बैठेगा और कौन सरकार बनाएगा. हिमंत बिस्वा सरमा बिलकुल सही कह रहे हैं कि मदरसे की जगह स्कूल-कॉलेजों और यूनिवर्सिटी की जरूरत है. इतने मंदिर बने. मैंने कभी किसी पर सवाल नहीं उठाया तो फिर 1 मस्जिद बनाने पर इतने सवाल क्यों उठ रहे हैं.
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