आगरा थी लास्ट लोकेशन, वहीं से पुलिस ने चैतन्यानंद को किया दबोचा
- दिल्ली के डर्टी बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को यूपी के आगरा से गिरफ्तार कर दिल्ली पुलिस अपने साथ ला रही है.
- चैतन्यानंद पर 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की थीं.
- चैतन्यानंद ने वसंत कुंज के श्री शारदा इंस्टीट्यूट की जमीन और फंड्स पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की.
Chaitanyananda Arrested: दिल्ली के 'डर्टी बाबा' चैतन्यानंद सरस्वती को यूपी के आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया है. दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद को आगरा के ताजगंज इलाके के एक होटल से बीती रात करीब 3 बजकर 30 मिनट पर गिरफ्तार किया. पुलिस चैतन्यानंद को गिरफ्तार कर आगरा से दिल्ली ला रही है. 17 छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोपी चैतन्यानंद पिछले काफी समय से फरार चल रहा था. दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के कई टीमें बनाई थीं, जो दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और यूपी के शहरों छापेमोरी कर रही थीं. आखिर, बाबा आगरा में पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. शुक्रवार को कोर्ट ने चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
आगरा थी लास्ट लोकेशन, वहीं से पुलिस ने किया दबोचा
पुलिस को चैतन्यानंद की आखिरी लोकेशन आगरा में मिली थी. अब चैतन्यानंद को दिल्ली पुलिस ने आगरा से ही गिरफ्तार किया है. यानि बाबा काफी समय से आगरा में भी छिपा बैठा था. दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की करोड़ों रुपये कीमत वाली जमीन को ट्रस्ट बनाकर हड़पने और छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में आरोपी स्वामी चैतन्यानंद उर्फ स्वामी पार्सारथी को पटियाला हाउस कोर्ट से शुक्रवार को करारा झटका लगा था. कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिससे स्वामी पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि, इस दौरान पुलिस ने चैतन्यानंद के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया था.
चैतन्यानंद पर क्या-क्या आरोप?
चैतन्यानंद एक नहीं कई मामलों में आरोपी हैं. ये पूरा मामला वसंत कुंज के श्री शारदा इंस्टीट्यूट से जुड़ा है, जो एक प्रबंधन संस्थान है. पुलिस के अनुसार, स्वामी चैतन्यानंद ने 2010 से अब तक मूल 'श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट ट्रस्ट' के समानांतर एक नया ट्रस्ट बनाकर संस्थान की मूल्यवान जमीन और फंड्स पर कब्जा करने की कोशिश की. आरोप है कि उन्होंने लगभग 20 करोड़ रुपये को नए ट्रस्ट में ट्रांसफर कर दिए, जबकि ये फंड मूल ट्रस्ट के लिए थे. जुलाई 2025 से तो करीब 60 लाख रुपये कैश भी निकाले गए. इससे संस्थान की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला बन गया. दिल्ली पुलिस ने 19 सितंबर को स्वामी के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज कीं, जिनमें भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), और अन्य संबंधित धाराएं शामिल हैं.
यह मामला केवल जमीन हड़पने तक सीमित नहीं है. स्वामी चैतन्यानंद पर संस्थान में पढ़ने वाली 17 छात्राओं के साथ यौन शोषण के आरोप भी लगे हैं. ये छात्राएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की थीं, जिन्हें स्कॉलरशिप पर डिप्लोमा कोर्स में दाखिला मिला था. पीड़िताओं का आरोप है कि स्वामी ने आश्रम में उन्हें बुलाकर छेड़छाड़ की और धमकियां दीं.
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