Gold in Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में कितना सोना लगा है? किसने दिया... नृपेंद्र मिश्रा ने दी जानकारी.
Ayodhya Ram Temple: अयोध्या स्थित भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. यह मंदिर 71 एकड़ में फैला है. इस मंदिर के निर्माण में करोड़ों के कीमती पत्थर, करोड़ों के सोना-चांदी, हीरे व अन्य कीमती रत्नों का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि इस भव्य मंदिर निर्माण में सरकार का एक भी पैसा नहीं लगा. इस बात की जानकारी गुरुवार को राम मंदिर में राजा राम सहित 8 विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद NDTV से खास बात करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने दी.
राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद NDTV सबसे पहले इस मंदिर के संपूर्ण दर्शन करवाया है. इस संपूर्ण दर्शन के दौरान राम मंदिर निर्माण के सूत्रधार नृपेंद्र मिश्रा ने पूरे निर्माण कार्य की बारिकियों के बारे में भी बताया.
शुरुआत में एक छोटे मंदिर के निर्माण की कल्पना थी: नृपेंद्र मिश्रा
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया, "यहां पर सात मंदिर है. इसे सप्त मंडप कहते हैं. प्रारंभ में जब निर्माण कार्य की कल्पना की जा रही थी तो बहुत ही छोटे आकार में मंदिर की कल्पना की गई थी. उस वक्त अंदाज भी नहीं था कि उच्चतम न्यायालय 71 एकड़ दे देगा और जनता मंदिर के लिए शत-प्रतिशत योगदान करेगी."
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राम मंदिर निर्माण में सरकार का एक भी पैसा नहीं लगाः नृपेंद्र मिश्रा
मंदिर निर्माण की लागत पर नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि इसमें एक पैसा सरकार का नहीं लगा है. इसमें सारा योगदान हमारे देश और विदेश में रहने वाले देशवासियों ने किया है. उन्होंने कहा कि इसमें शत-प्रतिशत भक्तों का योगदान है. उससे निर्माण कार्य हो रहा है. यह अनुमान नहीं था कि इतनी धनराशि आ जाएगी.
देश-विदेश में रह रहे लोगों के दान से हुआ पूरा निर्माणः नृपेंद्र मिश्रा
नृपेंद्र मिश्रा ने यह भी बताया कि देश और विदेश में जो हमारे देशवासी हैं, उनके दान से सारा निर्माण कार्य हो रहा है. नृपेंद्र मिश्रा ने जोर देकर बताया कि शत-प्रतिशत निर्माण दानराशि से हो रही है. उन्होंने यह भी बताया कि हमे यह अंदाजा नहीं था, दान में इतनी धनराशि आएगी. जब धनराशि आने लगी तो एंबीशन बढ़ने लगा. एंबीशन बढ़ा तो ये 5 मंडप बने, एंबीशन के साथ प्रथम और द्वितीय तल जोड़ा गया. परकोटा के निर्माण का विचार तो कोविड खत्म होने के बाद 2023 में आया.
मंदिर में 45 से 50 किलो सोने का हुआ है इस्तेमाल
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर के प्रथम तल पर जितने भी दरवाजे हैं, वो सभी स्वर्ण के हैं. मंदिर के दरवाजे और कलश को जोड़ा जाए तो कुल मिलाकर 45-50 किलो सोने का इस्तेमाल हुआ है.
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महाराष्ट्र के एक कारोबारी ने 50 करोड़ का सोना किया दानः नृपेंद्र मिश्रा
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के एक बहुत बड़े कारोबारी हैं, दिलीप जी उनका नाम हैं. उन्होंने सोमनाथ और काशी के विश्वनाथ मंदिर में भी सोना दान किया था. यहां पर उन्होंने करीब 45-50 किलो सोना दान किया है. टैक्स से अलग करके बताया जाए तो उसकी कीमत 50 करोड़ रुपए हैं.
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