नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) और डीजीसीए एक पूर्व वरिष्ठ पायलट द्वारा एअर इंडिया के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत की पड़ताल करेंगे, जिसमें आरोप लगाया गया है कि विमानन कंपनी ने आपातकालीन ऑक्सीजन आपूर्ति की आवश्यक व्यवस्था के बिना अमेरिका तक बोइंग 777 विमानों का संचालन किया. बी777 कमांडर के तौर पर सेवाएं देने वाले पायलट ने मंत्रालय और डीजीसीए के समक्ष 29 अक्टूबर को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी.
सूत्रों के अनुसार, पायलट ने शिकायत में कहा कि ‘एअर इंडिया' पट्टे पर लिए गए बी777 विमानों से उड़ानें संचालित कर रही है, जिनमें रासायनिक रूप से उत्पन्न ऑक्सीजन प्रणाली होती है, जो लगभग 12 मिनट तक चलती है, इसलिए इसका उपयोग सैन फ्रांसिस्को से आने-जाने वाली कंपनी की सीधी उड़ानों के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
शिकायत में कहा गया है कि विमानन कंपनी को यह ध्यान में रखना चाहिए कि दबाव की आपातकालीन स्थिति होने पर चालक दल और यात्रियों को 12 मिनट से अधिक अवधि के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति होनी चाहिए. शिकायत में डीजीसीए के मानदंडों का हवाला भी दिया गया है.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) एअर इंडिया के खिलाफ मिली शिकायत की पड़ताल करेंगे.
एअर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, “संबंधित मामला बहुआयामी है और एअर इंडिया तथा बाहरी विशेषज्ञ पहले ही इसकी जांच कर चुके हैं. हम इस विशिष्ट मामले पर कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन हम दोहराना चाहते हैं कि हमारे यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता.”
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