कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ के अपनी पार्टी के सहयोगी दिग्विजय सिंह पर ‘‘कपड़े फाड़ने'' वाली टिप्पणी को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को निशाना साधा और कहा कि राज्य के मतदाता ऐसे नेताओं को सरकार बनाने की अनुमति नहीं देंगे. मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सिंधिया ने कहा कि 17 नवंबर के विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी पार्टी के घोषणापत्र में वादों की एक लंबी सूची है, लेकिन उनमें से कोई भी पूरा नहीं होने वाला है.
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ के उस हालिया वीडियो ने प्रत्याशियों के चयन को लेकर कांग्रेस पार्टी में दरार की चर्चा को हवा दे दी है, जिसमें वह शिवपुरी से एक नेता को टिकट नहीं दिए जाने पर पार्टी कार्यकर्ताओं से वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ने के लिए कह रहे हैं. दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने मंगलवार को इस प्रकरण को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए विधानसभा चुनाव से पहले एकजुटता का रुख अपनाया.
कमलनाथ की टिप्पणी और वायरल वीडियो के बारे में पूछे जाने पर, सिंधिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हर चीज को नष्ट करना चाहती है. भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘ मेरी सोच लोगों के विकास के लिए काम करना और अपनी पार्टी के संगठन को मजबूत करना है.'' सिंधिया ने कहा, ‘‘अगर कांग्रेस के नेता ऐसी बात कर रहे हैं तो सत्ता मिलने पर मध्य प्रदेश की जनता का क्या होगा? लेकिन मेरा मानना है कि लोग ऐसा नहीं होने देंगे.'' उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव पूर्व दस्तावेज तैयार करना आसान है लेकिन पार्टी इसमें किए गए वादों को पूरा नहीं कर पाएगी.
कांग्रेस ने अपने 106 पन्नों के घोषणापत्र में 59 वादे और 101 ‘‘मुख्य गारंटी'' सूचीबद्ध की हैं. कांग्रेस के सत्ता में आने पर प्रमुख वादों में जाति सर्वेक्षण कराना, ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण, कृषि ऋण माफी, सभी निवासियों के लिए 25 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा और मप्र के लिए एक आईपीएल टीम का बनाना शामिल है. सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने अपने 15 महीने के शासन (दिसंबर 2018 से मार्च 2020) में राज्य को ‘‘बर्बाद'' कर दिया और लोग विपक्षी दल और उसके दो वरिष्ठ नेताओं (दिग्विजय सिंह और कमलनाथ) को माफ नहीं करेंगे. अपने गृह क्षेत्र ग्वालियर से चुनाव लड़ने संबंधी सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह एक साधारण भाजपा कार्यकर्ता हैं और पार्टी के निर्देशों का पालन करते हैं.
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