भले ही महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार बेहद नाज़ुक दौर से गुज़र रही है, लेकिन उसके बावजूद बुधवार को महाराष्ट्र कैबिनेट की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य के औरंगाबाद शहर का नाम 'संभाजीनगर' तथा उस्मानाबाद शहर का नाम 'धाराशिव' रखने को मंज़ूरी दे दी गई है. इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदलकर स्वर्गीय डी.बी. पाटिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे रखने को भी स्वीकृति दे दी है
औरंगाबाद का नाम मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के नाम पर उस वक्त रखा गया था, जब वह इस क्षेत्र का गवर्नर हुआ करता था, और इस शहर का नाम बदले जाने की मांग शिवसेना काफी लम्बे अरसे से करती आ रही थी. औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किया गया है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे. गौरतलब है कि शिवसेना का नाम भी छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर ही रखा गया है.
CM उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में कैबिनेट ने यह भी फैसला किया है कि राज्य के लिए हल्दी अनुसंधान और प्रसंस्करण नीति लागू की जाएगी तथा हिंगोली जिले में बालासाहेब ठाकरे हरिद्रा (हल्दी) अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी.
इके अतिरिक्त, कर्जत (जिला अहमदनगर) में सिविल जज (सीनियर लेवल) कोर्ट की स्थापना की जाएगी. अहमदनगर-बीड-परली वैजनाथ नई रेलवे लाइन परियोजना के पुनर्निर्माण को मंज़ूरी दी जाएगी और राज्य सरकार इसके लिए योगदान देगी.
ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष पिछड़ा वर्ग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले घरकुल योजना लागू की जाएगी.
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