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अंत भला तो सब भला...महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले NCP नेता छगन भुजबल

एनसीपी पार्टी में भुजबल की नाराजगी अजित पवार की छवि को प्रभावित कर रही थी. धनंजय मुंडे के इस्तीफे से ओबीसी मतदाताओं में कुछ नाराजगी कम होनी चाहिए.

अंत भला तो सब भला...महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले NCP नेता छगन भुजबल
मुंबई:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा कि उन्हें मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. भुजबल ने कहा, ‘‘मुझे सूचित किया गया है कि मुझे राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. शपथ ग्रहण समारोह मंगलवार यानि आज सुबह 10 बजे होगा.'' राज्य में सत्तारूढ़ ‘महायुति' गठबंधन का नेतृत्व कर रही भाजपा के सूत्रों ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है.

जो हुआ अच्छा हुआ...

छगन भुजबल ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले कहा कि जो हुआ अच्छा हुआ. मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पवार, सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल का आभार व्यक्त करता हूं. मैं अपने सभी कार्यकर्ताओं का, और उन सभी लोगों का दिल से धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझे इतना प्यार और समर्थन दिया. यह फैसला आठ दिन पहले ही तय हो गया था, जब हमारी बैठक हुई थी. हर मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक होती है, इसलिए हमने मंगलवार का दिन ही चुना. अंत भला तो सब भला… जो हुआ, अच्छा हुआ.

भुजबल को पिछले साल कैबिनेट में नहीं मिली थी जगह

राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमुख चेहरे भुजबल (77) को पिछले साल दिसंबर में मुख्यमंत्री फडणवीस के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था. राकांपा के एक वरिष्ठ नेता धनंजय मुंडे ने मार्च में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद संभावित रूप से भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है. वरिष्ठ राजनेता को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन राजभवन में शपथ दिलाएंगे.

सूत्रों के मुताबिक सीएम फडणवीस भी खाली पड़े कैबिनेट पद को भरने के लिए भुजबल पर जोर दे रहे थे. भुजबल ने सीएम फडणवीस के माध्यम से डीसीएम अजित पवार से जोरदार मांग की. छगन भुजबल ओबीसी चेहरा, बड़े ओबीसी नेता भुजबल को नाराज नहीं किया जाना चाहिए. आगामी निकाय चुनाव ओबीसी वोटों को लक्ष्य करेंगे. एनसीपी पार्टी में भुजबल की नाराजगी अजित पवार की छवि को प्रभावित कर रही थी. धनंजय मुंडे के इस्तीफे से ओबीसी मतदाताओं में कुछ नाराजगी कम होनी चाहिए.

छगन भुजबल को निकट भविष्य में राज्यसभा सीट देने की तुलना में कैबिनेट पद देना अधिक सुविधाजनक था. एनसीपी उत्तर महाराष्ट्र और मराठवाड़ा क्षेत्र में ओबीसी मतदाताओं के बहुमत का लाभ उठाने की कोशिश कर सकेगी.

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