विज्ञापन
Story ProgressBack

क्या है बंगाल का राशन घोटाला? जिसकी जांच के दौरान ED अफसरों पर भी हुए हमले; जानें कब क्या हुआ

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां के समर्थकों ने शुक्रवार को हमला कर दिया और उनके वाहनों में तोड़फोड़ की थी.  अधिकारी राशन वितरण घोटाले की जांच के संबंध में शाहजहां के उत्तर 24 परगना जिला स्थित आवास पर छापा मारने पहुंचे थे.

Read Time: 9 mins
क्या है बंगाल का राशन घोटाला? जिसकी जांच के दौरान ED अफसरों पर भी हुए हमले; जानें कब क्या हुआ
बंगाल में राशन घोटाले में कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

राशन घोटाले के मामले में जांच के लिए छापेमारी करने पहुंची प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर हुए हमले के मामले को सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है. टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. जानकारी के अनुसार हमले के दौरान शाहजहां शेख अपने घर में ही थे और ईडी अधिकारियों पर हुए हमले के बाद से वो फ़रार हैं.  आशंका जतायी जा रही है कि वो बांग्लादेश भागने की कोशिश में थे. विदेश भाग जाने की आशंका के कारण उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है.

सूत्रों के मुताबिक, शाहजहां ने कल बांग्लादेश भागने की कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हो पाया क्योंकि बांग्लादेश में चुनाव के चलते BSF एवं BDR की बॉर्डर पर सख्त पहरेदारी है और इसके अलावा BSF को भी शाहजहां के बारे में अलर्ट किया गया है. इस हमले को लेकर ईडी ने संबंधित थाने में शिकायत दी है जिसके आधार पर 3 FIR दर्ज की गई हैं.

राशन घोटाले में ईडी की तरफ से अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई है?

राशन वितरण घोटाले में अभी तक एक मिल मालिक बकीबुर रहमान और मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लीक की गिरफ्तारी हो चुकी है जोकि अभी वन्य विभाग मंत्री है इससे पहले ये घोटाले के दौरान खाद्य आपुर्ति मंत्रालय संभाल रहे थे. 14 अक्टूबर 2023 को इस कथित घोटाले के आरोप में ईडी ने बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था. उसके बाद, इसी मामले में राज्य के वर्तमान वन मंत्री ज्योति प्रिया मलिक को भी गिरफ्तार किया गया था (जिस दौरान, राशन वितरण में अनियमितताएं हुईं, उस वक़्त तक ज्योति प्रिया मलिक ही राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री थे) इससे पहले भी इस घोटाले में कई मर्तबा रेड हो चुकी हैं. शंकर अध्या और शाहजहां शेख मंत्री ज्योति प्रिया के करीबी बताए जाते हैं. 

12 दिसंबर 2023 को दायर की गयी थी पहली चार्जशीट

शाहजहां शेख का अपने इलाके में अच्छा खासा दबदबा है. ईडी ने इस घोटाले में 12 दिसंबर 2023 में पहली चार्जशीट दायर की थी जोकि बकीबुर रहमान, एनपीजी राइस मिल प्राइवेट लिमिटेड, ज्योति प्रिया मल्लीक और अन्य के खिलाफ दायर की गई थी.  12 दिसंबर 2023 को कोलकाता की स्पेशल PMLA कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान भी ले लिया था. 

ईडी ने जांच में खुलासा किया था कि पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) के तहत बांटे जाने वाले राशन का करीब 30 फीसद राशन बेच दिया गया. ED के मुताबिक, राशन को बेचने से जो पैसा आया, उसे मिल के मालिकों और PDS डिस्ट्रीब्यूटर्स के बीच बांट दिया गया.  ये सारा खेल, कुछ सहकारी समितियों की मिली भगत से हुआ था.

इसके अलावा ये भी सामने आया था कि घोटाले को अंजाम देने के लिए इसके लिए चावल की मिलों के मालिकों ने किसानों के फर्जी खाते खोले. और उनके अनाज के बदले उन्हें दिया जाने वाला तय MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का पैसा अपनी जेबों में भर लिया जबकि सरकारी एजेंसियां, अनाज को सीधे किसानों से खरीदने वाली थीं.

जांच में हुए थे अहम खुलासे

ईडी की जांच में बकीबुर रहमान की तीन शेल कंपनियों का पता चला था जिसमें डमी डायरेक्टर थे,जिनके जरिए राशन की खरीद फरोख्त हो रही थी. ये तीन कंपनियों के नाम हैं Hanuman Realcon Pvt. Ltd., Gracious Innovative Pvt. Ltd. और Gracious Creation Pvt. Ltd. इन तीन कंपनियों में अवैध तरीके से 20 करोड़ से ज्यादा रुपए आए...ये पैसा ज्यादातर कैश में आए थे.  बकीबुर रहमान ने बताया था कि इन कंपनियों का पैसा लोन के रूप में फूड एंड सप्लाई मंत्री ज्योतिप्रिया मालिक को जा रहा है और वो इसके लाभार्थी हैं क्योंकि लोन वापस नहीं लिया गया. इस संबंध में आगे की जांच से पता चलता है कि  तीन कंपनियों के पहले निदेशक और शेयरधारक  ज्योति प्रिया मल्लिक की पत्नी  मनिदीपा मल्लिक और उनकी बेटी प्रियदर्शिनी मल्लिक थीं.

ईडी के हाथ लगे थे महत्वपूर्ण सुराग

ईडी को जांच में पता चला था कि इन कंपनियों में बोगस शेयर प्रीमियम और अनाज के व्यापार से मिले फायदे के नाम पर पैसा जमा किया गया. इन कंपनियों से 20 करोड़ से ज्यादा रुपया बकीबुर रहमान के साले के बैंक एकाउंट में गए थे.  26 अक्टूबर को छापेमारी के दौरान ऐसा 16 करोड़ रुपया सीज कर दिया गया था. छापेमारी के दौरान ईडी ने ज्योतिप्रिया मालिक के घर से इन कम्पनियों के स्टांप बरामद किए थे.बकीपुर रहमान ने मलिक और उसके परिवार के लिए फ्लाइट के टिकट भी बुक कराए इसके भी सबूत जांच एजेंसी को मिले थे. 

'मैरून रंग' की डायरी से मिली थी अहम जानकारी

आगे की जांच के दौरान यह भी पता चला कि नवंबर 2016 से मार्च 2017 के दौरान मोनादीपा मल्लिक के आईडीबीआई बैंक खाते में 6.03 करोड़ रुपये जमा किए गए थे. नवंबर 2016 के दौरान प्रियदर्शनी मलिक के आईडीबीआई बैंक खाते में 3.79 करोड़ रुपये जमा किए गए थे. 4 अप्रैल 2016 को ज्योतिप्रिया मालिक ने पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में जो एफिडेविट फाइल किया था उसमे अपनी पत्नी के खाते में केवल 45 हजार रुपए दिखाए थे जबकि अगले ही साल उनके खाते में 6 करोड़ से ज्यादा आ गए. ज्योतिप्रिया मालिक के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान  एक मैरून रंग की डायरी रखी हुई पाई गई जिसमें भारी मात्रा में सिलसिलेवार तरीके से कैश और रसीदों की पूरी जानकारी थी. 

जब्त डायरी में दिखाया गया कि  'बालुदा' यानी एमआईसी श्री को कैश कैसे मिला जो ज्योति प्रिया मलिक और उसकी तीन कंपनियों में जमा किया गया था, जिन्हें पहले शारदा आर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (ग्रेसियस क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड), शारदा फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (ग्रेसियस इनोवेटिव प्राइवेट लिमिटेड) और हनुमान रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था.

घोटाले की कब हुई थी शरुआत?

पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस घोटाले को लेकर 22 फरवरी 2020 से लेकर 2022 तक कई केस दर्ज किए थे. पीडीएस राशन अवैध तरीके से बेचते और इनके कई वितरक गिरफ्तार किए गए थे.  ये राशन पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम के तहत वेस्ट बंगाल पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के जरिए सप्लाई होना था.  राशन सप्लाई की जिम्मेदारी सरकार ने एनपीजी राइस मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को दी थी..इसका डायरेक्टर बकीबुर रहमान था.   छापेमारी के दौरान एक शख्स के यहां से डायरी मिली जिसमें खरीद फरोख्त का डिटेल्स था. 

उस शख्स ने बताया की वो अवैध तौर पर पिछले 8-10 सालों से पीडीएस राशन की खरीद फरोख्त कर रहा है.  एक और शख्स ने बताया की उसके पास पीडीएस राशन बेचने का लाइसेंस है लेकिन वो इस राशन को ओपन मार्केट में बेचता है. ये पूरा राशन एनपीजी राइस मिल्स प्राइवेट लिमिटेड से आ रहा था जो मिल मालिक की मिलीभगत से खुले बाजार में अवैध तरीके से बेचा जा रहा था. 

ED की टीम पर कब हुआ था हमला? 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां के समर्थकों ने शुक्रवार को हमला कर दिया और उनके वाहनों में तोड़फोड़ की थी.  अधिकारी राशन वितरण घोटाले की जांच के संबंध में शाहजहां के उत्तर 24 परगना जिला स्थित आवास पर छापा मारने पहुंचे थे. जानकारी के अनुसार  जब ईडी अधिकारी सुबह संदेशखली इलाके में शेख के आवास पर पहुंचे तो बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने ईडी अधिकारियों और उनके साथ आए केंद्रीय बलों के जवानों को घेर लिया. इसके बाद उन्होंने प्रदर्शन किया और फिर उन पर हमला कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने टीम को वहां से जाने के लिए मजबूर कर दिया. 

भीड़ ने न सिर्फ जानलेवा हमला किया बल्कि अधिकारियों के फ़ोन, लैपटॉप, कैश, पर्स और केस से जुड़े कागजात लूट लिए और अधिकारियों की गाड़ियों को भी तोड़ दिया. 

भीड़ द्वारा किए गए हमले में ईडी के तीन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए. हालांकि अब उनके हालात में सुधार देखने को मिल रहे हैं.चिकित्सकों ने बताया कि दो घायल अधिकारियों को आज (शनिवार को) छुट्टी दी जा सकती है.अधिकारी ने बताया कि वे तीसरे ईडी अधिकारी की अंतिम दौर की जांच करेंगे और उसके बाद तय करेंगे कि उन्हें रविवार को छुट्टी दी जाए या उसके एक दिन बाद. ईडी के तीसरे अधिकारी के सिर में चोट लगी थी. 

ये भी पढ़ें-

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
क्या होती है 'अभय मुद्रा' जिसका जिक्र राहुल गांधी ने लोकसभा में किया, क्या संदेश देती है यह मुद्रा
क्या है बंगाल का राशन घोटाला? जिसकी जांच के दौरान ED अफसरों पर भी हुए हमले; जानें कब क्या हुआ
अब गर्मी को बाय! मानसून ने दी दस्तक, जानिए आपके इलाके में कब बरसेंगे बदरा
Next Article
अब गर्मी को बाय! मानसून ने दी दस्तक, जानिए आपके इलाके में कब बरसेंगे बदरा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;