दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है. अपनी इस घोषणा से उन्होंने विपक्ष के नेताओं के साथ-साथ जनता क भी चौंका दिया है. अरविंद केजरीवाल ने मंच से कहा कि "अब मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं बता देती है और जनता तय करेगी कि वो मुझे ईमानदार मानती है कि नहीं". सीएम केजरीवाल ने कहा कि आज से कुछ महीने बाद दिल्ली के चुनाव हैं और अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं तो आने वाले चुनाव में मेरे पक्ष में वोट दें. इसके साथ ही अरविंद केजवीला ने यह अपील भी की है कि दिल्ली के चुनाव फरवरी की जगह नवंबर में ही कराए जाएं.
अब कौन संभालेगा सीएम पद
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के साथ ही बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि अब दिल्ली के सीएम पद की कुर्सी कौन संभालेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि दो दिन बाद होने वाली पार्टी की बैठक में आतिशी, सौरभ भारद्वाज या फिर सुनीता केजरीवाल में किसी के नाम पर सहमति बन सकती है. हालांकि, यह केवल अटकले ही हैं क आतिशी, सौरभ या फिर सुनीता में से कोई अरविंद केजरीवला की जगह ले सकता है लेकिन सूत्रों के हवाले से अब तक कुछ कहा नहीं गया है.
आतिशी
आतिशी फिलहाल दिल्ली में शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, संस्कृति, पर्यटन और लोक निर्माण विभाग की मंत्री हैं और अरविंद केजरीवाल को आतिशी पर काफी भरोसा भी है. इसके साथ ही आतिश के पास पानी, पीडब्लयूडी मंत्रालय भी है. आतिशी अरविंद केजरीवाल की गुड बुक्स में भी हैं. इस वजह से भी आतिशी का नाम सामने आ रहा है.
सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज दिल्ली विधानसभा में ग्रेटर कैलाश निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह 9 मार्च 2023 से दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष और स्वास्थ्य, शहरी विकास और जल मंत्री थे. 8 अगस्त 2023 को उनसे उनके पद छीन लिए गए और उनके मंत्रालय पीडब्ल्यूडी प्रमुख आतिशी को दे दिए गए थे. इसके साथ ही वह आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता भी हैं. माना जा रहा है कि सौरभ या फिर आतिशी में से कोई दिल्ली में सीएम का पद संभाल सकता है.
सुनीता केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता का नाम भी सामने आ रहा है लेकिन माना जा रहा है कि अब अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आ जाने के बाद सुनीता एक बार फिर राजनीति से पीछे हटने वाली हैं और अरविंद केजरीवाल ही फ्रंट फुट पर रहने वाले हैं. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि सुनीता केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के चांस बहुत कम हैं.
हरियाणा और दिल्ली में चुनाव प्रचार करेंगे केजरीवाल
इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल के पास अब गर्वनेंस नहीं होगा और ऐसे में वह एक तरह से फ्री भी हो जाएंगे. इसके बाद वह हरियाणा और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. अब उनका मकसद यही होगा कि किस तरह से पार्टी को राज्यों में जिताया जाए. मुख्यमंत्री के तौर पर उनके ऊपर कुछ पाबंदियां थीं और अब उनके ऊपर यह पाबंदियां नहीं रहेंगी. इस वजह से कुछ चीजों से फ्री हो जाएंगे. साथ ही नए मुख्यमंत्री के लिए फैसलों को बदलना, या फिर एलजी को नए प्रोजेक्ट्स के लिए फाइल भेजना आदि आसान हो जाएगा.
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