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This Article is From Dec 14, 2022

आतंकवाद को उचित ठहराने के लिए इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म का हो रहा गलत इस्तेमाल: एस जयशंकर

जयशंकर परोक्ष रूप से चीन का जिक्र कर रहे थे, जिसने पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के लिए कई मौकों पर भारत और अमेरिका के प्रयासों को बाधित किया.

आतंकवाद को उचित ठहराने के लिए इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म का हो रहा गलत इस्तेमाल: एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन और पाकिस्तान को परोक्ष रूप से लगाई फटकार.
संयुक्त राष्ट्र:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक खुली बहस के दौरान चीन और उसके करीबी सहयोगी पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद को उचित ठहराने और साजिशकर्ताओं को बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है.

यूएनएससी में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा और सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नयी दिशा' विषय पर खुली बहस की अध्यक्षता करते हुए जयशंकर ने यह भी कहा कि संघर्ष ने ऐसी स्थिति बना दी है कि बहुपक्षीय मंच पर चलताऊ रवैया नहीं रखा जा सकता.

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद की चुनौती पर, दुनिया अधिक एकजुट प्रतिक्रिया के साथ एक साथ आ रही है लेकिन साजिशकर्ताओं को उचित ठहराने और बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है.'' जयशंकर परोक्ष रूप से चीन का जिक्र कर रहे थे, जिसने पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के लिए कई मौकों पर भारत और अमेरिका के प्रयासों को बाधित किया.

मंत्री ने कहा कि जब जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय की बात आती है तो स्थिति बेहतर नहीं है. जयशंकर ने कहा, ‘‘संबंधित मुद्दों को उचित मंच पर संबोधित करने के बजाय, हमने ध्यान भटकाने और भ्रमित करने के प्रयास देखे हैं.''

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमने बहुपक्षीय संस्थानों की स्थापना के 75 से अधिक वर्षों के बाद उनकी प्रभावशीलता के बारे में एक ईमानदार बातचीत के लिए आज यहां बैठक बुलाई है. हमारे सामने सवाल यह है कि उनमें सुधार कैसे किया जा सकता है क्योंकि प्रत्येक गुजरते साल के साथ इसकी जरूरत बढ़ती जा रही है.''

उन्होंने कहा, ‘‘संघर्ष की स्थितियों के प्रभावों ने अधिक व्यापक वैश्विक शासन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है. खाद्य, उर्वरक और ईंधन सुरक्षा पर हाल की चिंताओं को निर्णय लेने की उच्चतम परिषदों में पर्याप्त रूप से व्यक्त नहीं किया गया था. इसलिए दुनिया के अधिकांश भाग का मानना है कि उनके हित मायने नहीं रखते। हम इसे दोबारा नहीं होने दे सकते.''

जयशंकर मंगलवार को यूएनएससी में भारत की वर्तमान अध्यक्षता के तहत आतंकवाद और सुधारित बहुपक्षवाद पर दो कार्यक्रमों का नेतृत्व करने के लिए यहां पहुंचे. 15 सदस्यीय यूएनएससी के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल इस महीने समाप्त हो जाएगा.

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