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बंगाल में हिंसा के बाद वक्‍फ कानून को लेकर असम के सिलचर में पथराव, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

सिलचर के हिंसा प्रभावित इलाकों में चामरागुडम, बेरेंगा और ओल्‍ड लखीपुर रोड इलाके शामिल हैं. विरोध प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण था, हालांकि बाद में कुछ युवक रैली में शामिल हो गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया.

सिलचर में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज किया. 

गुवाहाटी :

पश्चिम बंगाल के बाद असम में भी वक्‍फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा देखने को मिली. संसद से पारित नए कानून के खिलाफ रविवार को असम के कछार जिले में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला. कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. सिलचर शहर में स्थिति को नियंत्रित करने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज किया. 

सिलचर के हिंसा प्रभावित इलाकों में चामरागुडम, बेरेंगा और ओल्‍ड लखीपुर रोड इलाके शामिल हैं.  विरोध रैली आज सुबह निकाली गई, जो शुरू में शांतिपूर्ण रही. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं और नारे लगा रहे थे कि यह कानून "इस्लाम विरोधी" है. साथ ही कहा कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे. हालांकि बाद में कुछ युवक रैली में शामिल हो गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. 

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भीड़ पर उचित बल प्रयोग किया: पुलिस

कछार के पुलिस प्रमुख नुमल महत्ता ने कहा कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए "उचित बल" प्रयोग किया. उन्‍होंने कहा, "पहले रैली शांतिपूर्ण थी, लेकिन कुछ उपद्रवी रैली में घुस आए और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने की कोशिश की. हालांकि हमने स्थिति को नियंत्रित कर लिया. करीब 300-400 लोग वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए थे. शांति भंग करने की कोशिश करने वाले सभी अपराधियों पर कानून के तहत आरोप लगाए जाएंगे."

आयोजकों ने की रैली के दौरान पथराव की निंदा 

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था. साथ ही उन्‍होंने पथराव की निंदा करते हुए कहा, "हमने सिलचर में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ शांतिपूर्ण रैली आयोजित की. हम इस कानून का विरोध करते हैं क्योंकि यह इस्लाम विरोधी है. हम पथराव की घटना की निंदा करते हैं. हम पुलिस के खिलाफ नहीं हैं और पुलिस पर पथराव करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. अगर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करती है, तो हमें खुशी होगी."

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CM ने एक दिन पहले ही दिया था धन्‍यवाद

यह संयोग है कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्‍वा सरमा ने एक दिन पहले ही इस बात पर प्रकाश डाला था कि वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर असम में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है और उन्होंने मुस्लिम समुदाय को धन्यवाद दिया था. शनिवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानून के खिलाफ कुछ विरोध प्रदर्शनों के बावजूद असम शांतिपूर्ण रहा है. उन्होंने असम पुलिस की भी प्रशंसा की थी. उन्होंने कहा, "हमें पहले से जानकारी थी कि कल शुक्रवार की नमाज के बाद वक्फ अधिनियम से संबंधित बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं. असम पुलिस ने पिछले 5 दिनों में बड़े पैमाने पर काम किया. हमने अल्पसंख्यक नेताओं से बात की और सुनिश्चित किया कि असम में हिंसा की कोई घटना न हो."

वक्‍फ संशोधनों का कई जगह हो रहा विरोध 

देश के कई हिस्सों में मुसलमान वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो जाने के बाद तीन लोगों की मौत हो गई. कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों को तैनात किया जाए. वहीं त्रिपुरा में अधिनियम के खिलाफ पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. 

वक्फ संशोधन अधिनियम देश में वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करने वाले कानून में महत्वपूर्ण बदलाव करता है. सत्तारूढ़ भाजपा इस बात पर जोर देती है कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है, वहीं विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने केंद्र पर वक्फ संपत्तियों पर नजर रखने और अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. 

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