
Assam NRC List 2019: असम में कड़ी सुरक्षा के बीच एनआरसी लिस्ट (Assam NRC list) जारी कर दी गई है. एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हजेला ने बताया है कि 3,11,21,004 लोगों को लिस्ट में शामिल किया गया है. जबकि 19,06,657 लोगों को लिस्ट में जगह नहीं दी गई है. इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने कोई दावा नहीं किया है. उन्होंने यह भी कहा है कि जो लोग इससे सहमत नही हैं वे ट्रिब्युनल में अपील कर सकते हैं. सुरक्षा के मद्देनज़र राज्य के कई इलाक़ों में धारा 144 भी लगाई गई है. जिन लोगों के नाम अंतिम सूची में नहीं होंगे उनकी सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई है. पिछले साल आई एनआरसी की ड्राफ़्ट सूची में क़रीब 40 लाख लोगों के नाम नहीं थे. जिसके बाद एक कमेटी बनाई गई और आज फ़ाइनल लिस्ट जारी की गई. इस नई लिस्ट में ड्राफ़्ट सूची से बाहर किए गए क़रीब 21 लाख लोगों के नाम जोड़ दिए गए हैं. इस लिस्ट में जिनका नाम है वही देश के नागरिक माने जाएंगे और जिनका नाम नहीं होगा वो विदेशी माने जाएंगे.
Assam NRC से जुड़ी 10 बड़ी बातें
केंद्र ने कहा कि जिन लोगों के नाम फाइनल एनआरसी में नहीं हैं, उनको तब तक विदेशी घोषित नहीं किया जा सकता जब तक सभी कानूनी विकल्प खत्म नहीं हो जाते. एनआरसी से बाहर हुए सभी लोग फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं और अपील फाइल करने के लिए समय सीमा को 60 दिनों से 120 दिन बढ़ा दिया गया है.
बाहर किए गए और शामिल किए गए लोगों की सूची को एनआरसी की वेबसाइट पर देखा जा सकता है. एनआरसी की वेबसाइट www.nrcassam.nic.in. है. एनआरसी लिस्ट जारी होने के कुछ ही समय बाद इसकी वेबसाइट क्रैश हो गई.
एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हजेला ने बताया कि 3,11,21,004 लोगों को लिस्ट में शामिल किया गया है, जबकि 19,06,657 लोगों को लिस्ट में जगह नहीं दी गई है. असम में सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है. दस हजार पैरामिलिट्री के जवान और पुलिस को राज्य में तैनात किया गया है.
करीब 41 लाख लोगों को बीते साल जुलाई में पब्लिश किए गए ड्राफ्ट लिस्ट में बाहर कर दिया गया था. इन लोगों से कहा गया था कि वह अपने दावों को साबित करने के लिए डॉक्यूमेंट्स के साथ आएं.
गृह मंत्रालय ने कहा, 1000 ट्रिब्यूनल्स का विवादों के निपटारे के लिए सेटअप किया जाएगा. 100 ट्रिब्यूनल्स पहले से ही खुली हुई हैं और सितंबर के पहले हफ्ते में 200 और ट्रिब्यूनल्स का सेटअप किया जाएगा. अगर कोई ट्रिब्यूनल में केस हारता है तो वह हाईकोर्ट जा सकता है और फिर सुप्रीम कोर्ट जा सकता है. किसी को भी हिरासत केंद्र में तब तक नहीं रखा जाएगा जब तक सारी कानूनी प्रक्रिया पूरा ना हो जाए.
केंद्र ने कहा, जो लोग एनआरसी से बाहर किए गए हैं उनको जिला कानूनी प्राधिकरणों से कानूनी सहायता मिलेगी. इसके अलावा बीजेपी और कांग्रेस भी उन लोगों की मदद करेगी जो सच्चे भारतीय हैं. इसके अलावा कई एनजीओ कानूनी सहायता के लिए आगे आए हैं.
असम में 60 हजार पुलिस के जवानों को पोस्ट किया गया है और केंद्र ने 20 हजार की अतिरिक्त पैरामिलिट्री फोर्स को असम भेजा है. किसी भी जगह 4 से ज्यादा लोगों के एक साथ खड़े होने पर प्रतिबंध है. खास तौर पर उन जगहों का ध्यान रखा जा रहा है जो संवेदनशील हैं और जहां पहले भी हिंसा हो चुकी है.
NRC का असम के लोगों के लिए बहुत महत्व है. राज्य ने 1979 से 1985 के बीच छह साल के लंबे आंदोलन को देखा और मांग करते हुए कहा कि बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों का निर्वासन किया जाए.
कई बीजेपी नेताओं ने बंगाली हिंदुओं के लिस्ट से बाहर होने पर चिंता जताई. सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने बीते हफ्ते गृह मंत्री अमित शाह से मीटिंग के बाद कहा था, 'केंद्र एक कानून पर विचार कर सकता है जिससे लिस्ट में शामिल विदेशियों को बाहर किया जा सके और उन लोगों को लिस्ट में शामिल किया जा सके जो सच में भारतीय हैं.
एनआरसी को असम में सबसे पहले 1951 में पब्लिश किया गया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन के अनुसार अपडेट किया गया.