प्रतीकात्मक फोटो
गुवाहाटी:
भारत में बढ़ती जनसंख्या को लेकर कई कदम उठाए गए, लेकिन चीन की तरह इस पर कोई सख्त निर्णय नहीं लिया जा सका है. अब भारत के असम राज्य में इसे लेकर सख्त कानून बनाने की बात चल रही है. असम सरकार ने सुझाव दिया है कि दो अधिक बच्चों वालों को सरकारी नौकरी न देने का नियम बनाया जाए. असम सरकार ने एक मसौदा जनसंख्या नीति की घोषणा की, जिसमें दो से अधिक संतान वाले लोगों को सरकारी नौकरी नहीं देने और राज्य में सभी बालिकाओं को विश्वविद्यालय स्तर तक की शिक्षा निशुल्क देने का सुझाव है.
असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, यह मसौदा जनसंख्या नीति है. हमने सुझाव दिया है कि दो से अधिक संतान वाले किसी सरकारी नौकरी के पात्र नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि इस शर्त को पूरा करने के बाद नौकरी पाने वाले किसी व्यक्ति को अपने सेवाकाल के अंत तक इसे लागू रखना होगा. (जानें किस देश में दूसरे बच्चे के जन्म पर प्रोत्साहन राशि देने पर हो रहा है विचार)
शर्मा के अनुसार, ट्रैक्टर देने, आवास उपलब्ध कराने और अन्य ऐसी लाभ वाली सरकारी योजनाओं के लिए भी यह द्विसंतान नीति लागू होगी. राज्य निर्वाचन आयोग के अधीन होने वाले पंचायत, नगर निकाय और स्वायत्त परिषद चुनावों में भी उम्मीदवार के लिए यह नियम लागू होगा. राज्य के शिक्षा मंत्री शर्मा ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य विश्वविद्यालय स्तर तक की सभी लड़कियों को निशुल्क शिक्षा देना भी है. उन्होंने कहा, हम शुल्क, परिवहन, किताबें और छात्रावास में भोजन आदि सभी सुविधाएं निशुल्क देना चाहते हैं. इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी रक सकती है.
(इनपुट्स भाषा से)
असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, यह मसौदा जनसंख्या नीति है. हमने सुझाव दिया है कि दो से अधिक संतान वाले किसी सरकारी नौकरी के पात्र नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि इस शर्त को पूरा करने के बाद नौकरी पाने वाले किसी व्यक्ति को अपने सेवाकाल के अंत तक इसे लागू रखना होगा. (जानें किस देश में दूसरे बच्चे के जन्म पर प्रोत्साहन राशि देने पर हो रहा है विचार)
शर्मा के अनुसार, ट्रैक्टर देने, आवास उपलब्ध कराने और अन्य ऐसी लाभ वाली सरकारी योजनाओं के लिए भी यह द्विसंतान नीति लागू होगी. राज्य निर्वाचन आयोग के अधीन होने वाले पंचायत, नगर निकाय और स्वायत्त परिषद चुनावों में भी उम्मीदवार के लिए यह नियम लागू होगा. राज्य के शिक्षा मंत्री शर्मा ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य विश्वविद्यालय स्तर तक की सभी लड़कियों को निशुल्क शिक्षा देना भी है. उन्होंने कहा, हम शुल्क, परिवहन, किताबें और छात्रावास में भोजन आदि सभी सुविधाएं निशुल्क देना चाहते हैं. इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी रक सकती है.
(इनपुट्स भाषा से)
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