"वोट देने का कलेक्टिव डिसीजन तो वोट जिहाद ही है": एनडीटीवी से बोले असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

असम सीएम से पूछा गया कि सलमान खुर्शीद साहब की भतीजी ने प्रचार में कहा कि वोट जिहाद करने की जरूरत है. इस पर उन्होने जवाब देते हुए कहा कि वोट जिहाद तो है. हम लोग असम में जो राजनीति कर रहे हैं वो गलत नहीं है.

देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) का दौर चल रहा है, ऐसे में तमाम पार्टियां अपने वोटर्स को लुभाने कि लिए पुरजोर कोशिश कर रही है. इस बीच असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) ने एनडीटीवी संग कई खास मुद्दों पर बात खुलकर बातचीत की. एनडीटीवी संग बातचीत में असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि देश के ओबीसी समाज को पता चल गया है कि डुप्लीकेट ओबीसी बना के कर्नाटक में चार फीसदी आरक्षण मुसलमानों को दे रहे हैं. इसलिए अब कांग्रेस पार्टी इस मामले में पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुकी है. डुप्लीकेट ओबीसी बनाना हमारा काम नहीं है, ये तो कांग्रेस का काम है.

असम सीएम वोट जिहाद पर क्या बोले

असम सीएम से पूछा गया कि सलमान खुर्शीद साहब की भतीजी ने प्रचार में कहा कि वोट जिहाद (Vote Jihad) करने की जरूरत है. इस पर उन्होने जवाब देते हुए कहा कि वोट जिहाद तो है. हम लोग असम में जो राजनीति कर रहे हैं वो गलत नहीं है. हिंदूओं में हर पार्टी को वोट बंट जाता है. जैसे कि दस वोट कांग्रेस मिलेगा, CPM को भी मिलेगा और BSP को भी मिलेगा. इसके अलावा बीजेपी को भी वोट जाएगा. हिंदू फैमिली में किसको कौन वोट कर रहा है, इस पर कोई चर्चा नहीं होती. फैमिली के लोग जाते हैं और अपना वोट अपने हिसाब से डालते हैं.

कलेक्टिव डिसीजन से वोट करने पर सीएम ने उठाया सवाल

असम सीएम ने कहा कि वोटिंग तो एक लोकतांत्रिक प्रोसेस है, लेकिन मुस्लिम समाज में जमात बैठकर निर्णय लेती है कि आखिर किस पार्टी को वोट करना है. ये तो वोट जिहाद ही है और ये चल रहा है. एक पोलिंग बूथ में हजार वोट होता है जिसमें से 999 वोट एक ही जगह डाल दिए जाते हैं. गांव में मीटिंग हुई होगी, जमात बैठी होगी. जिसमें ये कलेक्टिव निर्णय हुआ होगा. लेकिन ये कलेक्टिव निर्णय किसने लिया? क्या यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं है?

जैसे नॉर्थ ईस्ट में हुआ करता था कि कुछ संगठन बैठ के कह देते हैं कि इस बार वो आप इस पार्टी को दीजिए, जिसके बाद वो आके उसी पार्टी को वोट दे देते थे. ये तो बहुत जिहाद है. अगर आप वोट देने का पहले मीटिंग करते हो कि हमें किसको वोट देना है. इसका पीछे कोई कलेक्टिव डिसीजन है तो ऐसे डिसीजन तो वोट जिहाद ही है. 

राम मंदिर के मुद्दे को बताया फेनिफेस्टो का हिस्सा

धर्म के नाम पर वोट मांगने पर असम सीएम ने जवाब देते हुए कहा कि राम मंदिर बनाना तो हमारे मेनिफेस्टो में है. इसमें छिपाना वाले कुछ नहीं कि अगर हमारी सरकार बनेगी तो हम राम मंदिर बनाएंगे. हमने तो राम मंदिर बना भी दिया.

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