पुरी: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के खजाने (रत्न भंडार ) की बाहरी दीवारों की ‘लेजर स्कैनिंग' पूरी कर ली है. मंदिर प्रशासन के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक मंदिर के ‘रत्न भंडार' की ‘लेजर स्कैनिंग' मंगलवार और बुधवार को वास्तुकार, विशेषज्ञ इंजीनियर और वैज्ञानिक फोटोग्राफर की 15 सदस्यीय एएसआई टीम द्वारा की गई थी.
उन्होंने कहा कि यह ‘लेजर स्कैनिंग' दीवारों पर संदिग्ध दरारों का पता लगाने के लिए की गयी थी, जिसके जरिए पानी संभवत: अंदर रिस रहा है. एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् डी. बी. गार्नाइक ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए बताया, ‘‘टीम ने रत्न भंडार के उत्तरी हिस्से और ऊपरी हिस्से के साथ-साथ कुछ अन्य क्षेत्रों में कुल 45 हिस्सों को स्कैन किया. ''
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे तकनीशियनों द्वारा 3डी छवियां खींची गईं. इन्हें एक सॉफ्टवेयर की मदद से दूसरे रूप में बदला जाएगा, जिससे हमें दीवार की भौतिक स्थिति को समझने में मदद मिलेगी.'' उन्होंने कहा कि यदि उन्हें रत्न भंडार की बाहरी दीवारों पर कोई दरार मिलती है, तो एएसआई आंतरिक दीवारों को स्कैन करने के लिए एसजेटीए से अनुमति मांगेगा.
इससे पहले, एसजेटीए ने एएसआई को संदिग्ध दरारों का पता लगाने के लिए रत्न भंडार की बाहरी दीवार की ‘लेजर स्कैनिंग' करने की अनुमति दी थी, जिसके जरिए कथित तौर पर पानी अंदर रिस रहा है. इस बीच, राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के एक विशेष दल ने बृहस्पतिवार को श्री जगन्नाथ मंदिर की चारदीवारी के 100 मीटर के भीतर स्थित चार मठों के नवीनीकरण कार्य का निरीक्षण किया.
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