राजस्थान में राजनीतिक पारा एक बार फिर चरम पर है, वजह है राजस्थान कांग्रेस में मचा अंदरूनी बवाल.. जो थमने का नाम नहीं ले रहा है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमा लगातार अपने बयानों से इस 'आग' को सुलगाता भी रहता है. एनडीटीवी को दिए धमाकेदार इंटरव्यू में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर अपने सहयोगी रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि "सचिन पायलट को मुख्यमंत्री के रूप में कोई भी स्वीकार नहीं करेगा." श्रीनिवासन जैन के साथ खास बातचीत में गहलोत ने कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी.
प्रश्न:- राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अभी वक्त है, लेकिन उससे पहले जो यहां पार्टी में हो रहा है, क्या उससे आपको यहां कोई संकट नजर आ रहा है?
उत्तर- नहीं मुझे कोई टेंशन नहीं है और ना ही हो रहा है. मीडिया ज्यादा क्रिऐट कर रहा है. थोड़े बहुत मतभेद तो हर राज्य में होते हैं, लेकिन मीडिया वाले चाहते हैं कि हर वक्त लगे कि यहां पर दो ग्रुप है, यहां पर झगड़े हैं. मैंने देखा है मीडिया की ये अप्रोच होती है.
प्रश्न:- आप इसे मीडिया का मुद्दा बता रहे हैं, लेकिन दो महीने पहले यहां पर 90 से ज्यादा विधायक बागी हो गए थे. ये कोई छोटी बात तो नहीं है?
उत्तर- वो बागी नहीं थे. एक बार पहले ऐसा हुआ था, जब 34 दिनों तक सभी विधायक होटल में रहे थे. जो 90 लोग इकट्ठे हुए थे, उन्होंने सरकार बचाने में सहयोग दिया था. उनके बगैर सरकार बच नहीं सकती थी.
प्रश्न:- आप कह रहे हैं कि वो एक तरह से कांग्रेस के वफादार थे?
उत्तर- वो हाईकमान के वफादार थे, बिना हाईकमान के कोई मुख्यमंत्री सरकार नहीं बचा सकता है. हाईकमान कहता है तभी कोई साथ देता है.
प्रश्न:- कहा जा रहा था कि ये सभी विधायक अशोक गहलोत के वफादार थे और उनके कहने पर बगावत कर रहे थे?
उत्तर- ये बकवास बात है, पूरा देश जानता है कि मेरा नेचर क्या है. मुझे मेरी पार्टी और गांधी परिवार ने बहुत कुछ दिया है. 50 साल से लगातार, हिंदुस्तान में मेरे ख्याल से मात्र मैं होउंगा, जो 5 बार सांसद, 3 बार केंद्रीय मंत्री, 3 बार कांग्रेस का महामंत्री, 3 बार राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष और 3 बार मुख्यमंत्री बना हूं. मुझे क्या जरूरत है बगावत करने की. मुझे इन लोगों ने सब कुछ दिया है.
प्रश्न:- मतलब आपके कहने से ये सब नहीं हुआ था?
उत्तर- सवाल ही पैदा नहीं होता. अगर एक भी विधायक ये कह दे तो मैं पार्टी छोड़ दूंगा.
प्रश्न:- तो सभी विधायक नाराज क्यों हो गए थे?
उत्तर- वो नाराज इसलिए हुए, क्योंकि ये बात फैला दी गई कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना देंगे. सचिन पायलट खुद भी वैसा ही व्यवहार करने लगे थे. उन्होंने खुद भी कई एमएलए को इसको लेकर फोन किया था. एमएलए को ये लगा कि जैसे आज एक लाइन का प्रस्ताव होगा और कल ही वो सीएम पद की शपथ ले लेंगे. इस भ्रम की वजह से सभी लोग इकट्ठे हो गए.
प्रश्न:- क्यों.. विधायकों की इसको लेकर क्या आपत्ति थी, कि अगर सचिन पायलट सीएम बन जाएं?
उत्तर- जिसके कारण 34 दिन होटल में बैठे रहे, सरकार गिरा रहे थे ये, उसमें अमित शाह भी शामिल थे. सबकी दिल्ली में मीटिंग हो रही थी. पायलट गुट के सभी विधायकों को उसी होटल में रखा गया था, जिसमें मध्यप्रदेश में सरकार गिराने के दौरान वहां के विधायकों को रखा था. इसीलिए विधायकों को गुस्सा आया कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ये सब कर रहा है. पार्टी अध्यक्ष और सरकार में उपमुख्यमंत्री अपनी ही सरकार को गिराने में लग जाए और इसको लेकर विपक्ष से मिल जाए, ऐसा उदाहरण आपको कहीं नहीं मिलेगा.
प्रश्न:- ..तो इस वजह से एमएलए को आपत्ति थी, कि सचिन पायलट सीएम ना बनें?
उत्तर- विधायक तब भी वफादार थे और अब भी वफादार हैं. मैडम के प्रति उनका आदर है. उनका गुस्सा था कि दिल्ली से ऑब्जर्वर आए हैं.. सचिन पायलट कह रहे थे कि प्रस्ताव पास करेंगे और फैसला आपको हाईकमान पर छोड़ना है, ये तो वही हो रहा है. इस वजह से उनमें गुस्सा था. ऑब्जर्वर ने भी कहा कि आज रात ही हम प्रस्ताव पास करेंगे. ऐसा माहौल बन गया, जिसके कारण ये सब हुआ.
प्रश्न:- लेकिन हाईकमान ही अगर चाह रहे थे कि सचिन पायलट के पक्ष में विधायकों को इकट्ठा करें और आप कह रहे हैं कि ये सब हाईकमान के ही विधायक हैं फिर शायद वो ही ये चाह रहे हों?
उत्तर- विधायक सचिन पायलट की वजह से जो भुगते हैं, वो ये क्यों चाहेंगे. कोई कम्यूनिकेशन गैप हुआ होगा, हाईकमान ऐसा क्यों चाहेंगे. उनको मुख्यमंत्री कैसे बना सकते हैं. जिसने बगावत की, जिसने गद्दारी की, जिसके पास 10 विधायक नहीं हो, उसे सब कैसे स्वीकार कर सकते हैं.
प्रश्न:- ..लेकिन सचिन पायलट ने तो इनकार किया है कि बीजेपी से मेरा कोई लेना देना ही नहीं था?
उत्तर- नहीं.. नहीं.. कोई इससे इनकार कर ही नहीं सकता. पूरा खेल उन्हीं का था. मेरे पास प्रूफ है कि 10 करोड़ रुपये बांटे गए हैं. दिल्ली के बीजेपी दफ्तर से ये पैसे उठाये गए थे. ये बात सबके सामने है. मैं पहली बार सुन रहा हूं कि सचिन पायलट ने कहा है कि उनका बीजेपी से कोई लेना-देना नहीं था.
प्रश्न:- सचिन पायलट ने कहा कि वो कांग्रेस सरकार से नाखुश थे?
उत्तर- अगर वो दिल्ली के कांग्रेस दफ्तर जाकर बैठते तो मैं मानता. मैं पिछले 50 साल से देख रहा हूं कि लोग पार्टी दफ्तर जाते हैं, मैडम से मिलते हैं, अपनी शिकायत दर्ज करवाते हैं. लेकिन ये पहला केस था जब कोई मानेसर में जाकर बैठा हो, बीजेपी के धर्मेंद्र प्रधान वहां आकर उनसे मिलते थे. पूरा खेल वहां उनका चल रहा था.
प्रश्न:- अगर ये बात सही है तो कांग्रेस ने फिर सचिन पायलट को पार्टी से निकाला क्यों नहीं?
उत्तर- पहली बार किसी पीसीसी प्रेसिडेंट को बर्खास्त किया गया, मैंने खुद डिप्टी सीएम के पद से उन्हें बर्खास्त किया. तो फिर ऐसी नौबत क्यों आयी.
प्रश्न:- इसका मतलब ये तो नहीं कि अगर उन्हें उस काम के लिए सजा दे दी गई है, तो वो फिर मुख्यमंत्री नहीं बन सकते हैं?
उत्तर- आज विधायकों में सचिन पायलट को लेकर भारी आक्रोश है, उनको चाहिए था कि वो पार्टी हाईकमान, प्रदेश की जनता और विधायकों से माफी मांगे. अगर वो माफी मांग लेते तो विधायकों के उनके खिलाफ बगावत की नौबत ही नहीं आती. अभी पायलट की वजह से ही विधायकों ने बगावत की. उनका कहना था कि जिन्होंने गद्दारी की है, उनका साथ नहीं देंगे.
प्रश्न:- विधायकों ने कहा कि गद्दार को स्वीकार नहीं करेंगे, क्या आप भी इस बात को मानते हैं?
उत्तर- हां बिल्कुल मानते हैं. मैं भी कहता हूं कि जो 102 विधायक हैं, उनमें से किसी को बना दीजिए, कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन जो गद्दारी कर चुका है, उनको कैसे स्वीकार करेंगे.
प्रश्न:- क्या आप इस बात के लिए तैयार थे कि सचिन पायलट को छोड़कर कोई भी मुख्यमंत्री बन जाए?
उत्तर- मैं तो आज भी तैयार हूं. मैं हाईकमान का वफादार हूं, वो तय करें कि पार्टी हित में क्या सही है. मुझे रखना है तो मुझे रखें, अगर कोई दूसरा आएगा तो क्या पार्टी चुनाव जीत सकती है. लेकिन पायलट को कोई स्वीकार नहीं करेगा.
प्रश्न:- सचिन पायलट का कहना है कि आपने उनको साइडलाइन कर दिया, इसीलिए वो नाराज होकर अपने समर्थकों के साथ चले गए?
उत्तर- ये बिल्कुल गलत है. मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वो जो भी काम कहते हैं हम करते हैं. वापस आने के बाद भी मैंने उनसे अच्छा व्यवहार रखा.
प्रश्न:- लेकिन हाईकमान से आपने जाकर माफी मांगी, इसका मतलब ये है कि जो कुछ भी हुआ इससे वो खुश नहीं थे?
उत्तर- वो मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी, क्योंकि मैं सीएम हूं, विधायक दल का नेता हूं और मेरे रहते ऐसा हुआ कि कोई बैठक में नहीं गया. और वो कोई बगावत नहीं थी, हाईकमान के प्रति वफादारी थी और गुस्सा था जो सचिन पायलट के द्वारा अफवाह फैलाई गई. जिससे कि ये माहौल बना.
प्रश्न:- मतलब हाईकमान आपसे नाराज नहीं है, आप सोनिया गांधी से भी जाकर मिले?
उत्तर- मैं तो हाईकमान के प्रति आदर रखता हूं. क्योंकि जो कुछ मिला है, उनकी वजह से ही मिला है.
प्रश्न:- आप दिल्ली गए थे उस वक्त आप कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाले थे. आप सोनिया गांधी से मिले और घोषणा की कि आप पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. तो क्या ये माना जाए कि उनकी इच्छा नहीं थी कि आप नामांकन करें?
उत्तर- ये तो हमारे और उनके बीच की बात है.
प्रश्न:- अब राजस्थान में क्या माहौल है. क्योंकि ये सब होने के बाद ऐसा लग रहा है कि परिस्थिति नॉर्मल नहीं है. अजय माकन भी प्रभारी का पद छोड़ना चाहते हैं?
उत्तर- ये तो सभी राजनीतिक दलों में कुछ ना कुछ ऐसा होता रहता है. लेकिन मोटा-मोटी तौर पर राजस्थान में सब शांति है, सब साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. मैं पार्टी में कार्रवाई को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा.
प्रश्न:- क्या ये तय है कि आप राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे?
उत्तर- हम फिर से राजस्थान में सरकार बनाने जा रहे हैं. हम बेहतर योजना लेकर आए हैं. आज प्रदेश में कोई भी सरकार से नाराज नहीं है. और आज तो मैं ही मुख्यमंत्री हूं.
प्रश्न:- अगर हाईकमान की तरफ से यहां नेतृत्व में बदलाव के संकेत मिलते हैं कि वो पायलट को यहां लाना चाहते हैं?
उत्तर- मुझे ऐसा कोई इशारा नहीं है. मुझे विश्वास है कि हाईकमान राजस्थान की जनता के साथ न्याय करेगा. यहां अगर सरकार आएगी तो अन्य राज्यों में भी कांग्रेस की सरकार आएगी. मैं आपको बता दूं कि मैं सोनिया गांधी और प्रभारी अजय माकन को अगस्त में ही अपनी बात बता चुका हूं कि राजस्थान में सरकार बनाना तो है ही. आप चाहें तो सर्वे करवा लें कि अगर मेरे सीएम पद से हटने के बाद भी यहां सरकार बन रही है, तो मुझे सीएम पद से हटने में कोई दिक्कत नहीं है.
प्रश्न:- कहा जा रहा है कि 2018 में जब आप सीएम बने थे तो कहा गया था कि सीएम पद आपके और सचिन पायलट के बीच रोटेट होगा, क्या ऐसा कुछ था?
उत्तर- सवाल ही पैदा नहीं होता. आप चाहें तो राहुल गांधी से ये बात पूछ सकते हैं.
प्रश्न:- आपके और सचिन पायलट के बीच क्या मुद्दे हैं और आप इसे पार्टी के हित में क्यों सुलझा नहीं लेते?
उत्तर- जब 2009 में मैं यहां सीएम बना था, और यहां से 20 लोकसभा सीट जीती थी, तो मैंने हाईकमान के पास सचिन पायलट को केंद्र में मंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था. ये बात मैंने सचिन पायलट को भी बताई थी. मैं भी इंदिरा गांधी के समय मंत्री बना था तो मुझे बड़ा संदेश मिला था. दूसरों को भी ऐसा ही समझना चाहिए. पता नहीं क्यों इतना कुछ हो रहा है.
प्रश्न:- इतना कुछ होने के बाद भी क्या आपको लगता है कि यहां कांग्रेस की सरकार बनेगी, क्योंकि यहां हर 5 साल में सरकार बदल जाती है?
उत्तर- मुझे लगता है कि इस बार ये टूटेगा. क्योंकि जनता में जो रिस्पांस दिखता है, उससे लगता है कि इस बार फिर से हमारी सरकार बनेगी.
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